जालंधर (ब्यूरो): ब्रिटिश ओलिविया स्कूल में 35 लाख कैश चोरी को 9.30 लाख रुपए बनाने के मामले में राजनीतिक कनेक्शन आने से मामला गरमा गया है। एसआईटी के चीफ डीसीपी (सिटी) जगमोहन सिंह की जगह आईपीएस अधिकारी अंकुर गुप्ता (डीसीपी लॉ एंड आर्डर) को लगाया गया। गुप्ता की सुपरविजन में ही एसआईटी जांच करेगी, क्योंकि जांच में यह बात क्लियर हो चुकी है कि मोटी रकम का गबन हुआ है। पूर्व चौकी इंचार्ज मनीष भारद्वाज के सत्ता पार्टी के एक बड़े नेता के रिश्तेदार के साथ गहरे संबंध उजागर हुए है। यूपी से चोर पकड़ने से लेकर बरामद रकम गोल करने में नेता के रिश्तेदार की भूमिका जांच का विषय बन चुकी है, इसलिए कोई राजनीतिक दबाव न आए तो आईपीएस अधिकारी गुप्ता को एसआईटी का चीफ लगाया गया। हालांकि सीपी गुरशरण सिंह संधू कहते है कि जांच में कोई पहलू रह न जाए इसलिए एसआईटी का चीफ गुप्ता को लगाया है। सीपी ने कहा- एएसआई को सस्पेंड करने की प्रक्रिया चल रही है।
The Pol Khol TV द्वारा विडिओ जारी होने के बाद से मामले ने एक नया मोड़ ले लिया , साथ ही इस मामले की बागडोर SIT बनाकर आई पी एस अंकुर गुप्ता को दे दी गयी।
बता दें कि 4 सिंतबर को रामामंडी स्थित ब्रिटिश ओलिविया स्कूल में 9.30 लाख चोरी का मामला दर्ज किया गया था। जांच के दायरे में इलेक्ट्रिशियन शामू आया था। मगर वह फैमिली संग यूपी भाग चुका था। चौकी इंचार्ज ने यूपी में रेड कर शामू को पकड़ लिया था, पर उसकी गिरफ्तारी व 8 लाख 55 सौ रुपए की बरामदगी रामामंडी से दिखाई थी।इतना ही नहीं, बिना रिमांड चोर को जेल भेज दिया। पोल खुली तो प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया जिसके बाद गबन से पर्दा उठा। उसने कहा था कि 35 लाख चोरी किए थे। घर से पुलिस ने 30 लाख बरामद किए थे।