जालंधर (ब्यूरो): एपीजे स्कूल महावीर मार्ग के संस्थापक डॉ. सत्यपॉल जी की 103 वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गिरीश कुमार जी , उप प्रधानाचार्य तथा अभिभावकों ने दीप प्रज्ज्वलित किया और डॉ. सत्यपॉल जी के चित्र पर पुष्पमाला तथा श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उसके पश्चात विद्यालय के नृत्य विभाग के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । विद्यालय के उप प्रधानाचार्य श्री वी .के. खन्ना जी ने सत्यपॉल जी के जीवन, विचारधारा और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। डॉ. सत्यपॉल जी को संगीत में विशेष रुचि थी तथा कुछ भजन तो उन्हें अति प्रिय थे। उन्हीं में से कुछ पसंदीदा भजनों को संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने रघुपति राघव राजा राम तथा मेरा मन तेरी शरण प्रस्तुत किया। डॉ.सत्यपॉल जी के जीवन के मूल्यों को दर्शाते हुए नाटक विभाग के विद्यार्थियों ने लघु नाटक ‘आसमां और भी है’ प्रस्तुत किया, जिसमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी गई। इस नाटक में दर्शाया गया कि दुनिया चाहे तुम्हारा कितना भी विरोध क्यों न करें परंतु यदि आप अपनी सकारात्मक सोच रखते हैं तो आप का विरोध करने वाले भी आपके विचारों से प्रभावित होकर आप के समर्थक बन जाएंगे। विद्यालय के योग विभाग के विद्यार्थियों ने लयबद्ध तरीके से योगासन किए। उन्होंने दर्शाया कि स्वस्थ रहने के लिए योग अति आवश्यक है।
विद्यालय के प्रिंसिपल श्री गिरीश कुमार जी ने विद्यालय की प्रेसिडेंट श्रीमती सुषमा पॉल बलिया जी का संदेश पढ़कर सुनाया उन्होंने कहा कि हम अपने सपनों को तभी साकार कर सकते हैं जब हम सतत् परिश्रम करें डॉक्टर सत्यपाल जी ने ना केवल सपने देखे बल्कि उन्होंने उनको साकार करने के लिए कठिन परिश्रम भी किया । उनका शीर्ष वाक्य ‘सोअरिंग हाई इज़ माय नेचर’ उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को दर्शाता है। वह एक प्रख्यात उद्योगपति, शिक्षाविद , स्वतंत्रता सेनानी, परोपकारी और दार्शनिक थे। हमें उनके जीवन मूल्यों को अपनाना चाहिए।इस अवसर पर एपीजे स्कूल महावीर मार्ग से लेकर एपीजे स्कूल टांडा रोड तक विद्यार्थियों ने साइकिल रैली निकाली। विद्यालय हर वर्ष उनका जन्म दिन ‘संस्थापक दिवस’ के रूप में मनाता है और मानव मूल्य को अपनाने वाले विद्यार्थियों को ‘सत्यपॉल अवार्ड’ द्वारा सम्मानित करता है। इस वर्ष मिडिल स्तर पर यह पुरस्कार अरनाज़ कौर परमारऔर नील नानक सिंह , सेकेंडरी स्तर पर मन्नत अग्रवाल और गुरनियामत कौर मिन्हास और सीनियर स्तर पर मानस मुतनेज को प्राप्त हुआ।