जालंधर (ब्यूरो): पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार व राज्यपाल के बीच टकराव बढ़ गया है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पहले 22 सितंबर को प्रस्तावित विधानसभा का विशेष सत्र की मंजूरी वापस ली। अब जब मान सरकार ने 27 सितंबर को विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी मांगी तो राज्यपाल ने इस पर सवाल उठा दिया। कहा कि इसका एजेंडा क्या है। पंजाब कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने राज्यपाल के इस रवैये पर नाराजगी जताई। कहा कि राज्यपाल भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। वह भाजपा के आपरेशन लोटस को आगे बढ़ा रहे हैं। अमन अरोड़ा ने कहा कि वह एक सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए यूरोप जा रहे थे, लेकिन विदेश मंत्रालय ने उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी। कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार पंजाब के हितों से कुठाराघात कर रही है। अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब तरक्की न कर सके भाजपा इस नीति पर काम कर रही है। अरोड़ा ने कहा कि पंजाब कैबिनेट ने राज्य के मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा सत्र बुलाया, लेकिन राज्यपाल ने इस पर सवाल खड़े कर दिए। गवर्नर साहब ने वह किया जो 75 सालों में नहीं हुआ।
अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार से पूछा गया कि आप विधानसभा सत्र बुलाकर क्या करना चाहते हैं। आप इस बारे में जानकारी दो। सवाल यह खड़ा होता है कि जो इतने सालों से न लोकसभा, न राज्यसभा में और न राज्य की विधानसभाओं में हुआ वह राज्यपाल करने जा रहे हैं। अरोड़ा ने कहा कि सदन का एजेंडा बिजनेस एडवाइजरी कमेटी तय करती है। कानून कहता है कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी गवर्नर को एजेंडा भेजती है। मंत्री अरोड़ा ने कहा कि भगवंत मान सरकार के लोकहितैषी कामों से भाजपा डरी हुई है और सरकार को परेशान किया जा रहा, ताकि पंजाब की तरक्की में बाधा आए।