जालंधर (ब्यूरो): समाचार पत्रों में संपादकीय और पाठकों के बीच दोतरफा रास्ता होना चाहिए। ‘मिडिल पीस’ और ‘लैटर्स टू द एडिटर’ (पाठकों के पत्र) को बंद करने से समाचार पत्रों की जीवंतता समाप्त हो गई है। यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार, प्रसिद्ध कॉलमनिस्ट और लेखक जग सुरैया का। मौका था जयपुर के अशोक क्लब में जग सुरैया के टॉक सेशन का। इस सेशन को कवि जगदीप सिंह ने क्यूरेट कर रहे थे। सेशन में पत्रकारिता की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए सुरैया ने कहा कि आज पाठक समाचार और विचारों के निर्माता भी बन गए हैं। इसके कारण गलत सूचना और फेक न्यूज का प्रसार हो रहा है। इसके अलावा, समाचार पत्र और यहां तक कि समाचार के प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल लेखकों को बहुत कम या बिल्कुल भी भुगतान नहीं करते हैं और इस कारण से वे प्रोफेशनल राइटर्स को काम पर रखने में सक्षम नहीं हैं। सोशल मीडिया ने पाठकों का ध्यान आकर्षित करने की अवधि को भी कम कर दिया है।
उन्होंने जेएस (जूनियर स्टेट्समैन) की लोकप्रियता के बारे में बात करते हुए कहा कि यह युवाओं का भावनात्मक और बौद्धिक दर्पण था। जेएस मैग्जीन को बंद क्यों किया गया, इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जेएस की हत्या स्टेट्समैन के तत्कालीन मालिकों की छोटी मानसिकता और ईर्ष्या से हुई थी।
लेखन की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए सुरैया ने कहा कि लेखन की शारीरिक क्रिया जहां सुबह होती है, वहीं मेंटल राईटिंग हर समय होता है। उन्होंने समाचार पत्रों में फीचर्स प्रकाशन के महत्व पर भी प्रकाश डाला क्योंकि लोग समाचारों से परे चीजों को पढ़ना चाहते हैं और मनुष्यों के बारे में भी कहानियां पढ़ना चाहते हैं। इस सेशन के बाद उन्होंने ऑडियंस से भी इंट्रेक्ट किया जहां उन्होंने पूछे गए कई सवालों के बहतरीन जवाब दिए।