जालंधर (ब्यूरो): 2019 के बीरभूम ब्लास्ट मामले (2019 Birbhum Blast Case) में NIA (National Investigation Agency) ने बड़ा खुलासा किया है. NIA का दावा है कि उन बमों को 2019 के लोकसभा चुनावों में आतंक पैदा करने के लिए इकट्ठा किया गया था. एजेंसी ने बताया कि टीएमसी (TMC) कार्यकर्ता बबलू मंडल (Bablu Mandal) के घर में उनकी सहमति से एक बम रखा गया था ताकि इलाके में आतंक फैलाया जा सके. मामले पर NIA ने 50 पन्नों का आरोप पत्र तैयार किया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस आरोप पत्र में दावा किया गया है कि 2017 के पंचायत चुनावों के बाद से ही बमों का भंडार करना शुरू कर दिया गया था।
2019 में क्या हुआ था?
20 अगस्त, 2019 को बीरभूम में सदायपुर थाने के रेंगुनी गांव में एक गौशाला में बम ब्लास्ट होने की खबर मिली थी। गौशाला के मालिक शेख बदरूडोजा पर आरोप लगे कि वो कथित तौर पर शेड का इस्तेमाल विस्फोटक रखने और कच्चे बम बनाने के लिए कर रहा था। इस हादसे के एक महीने बाद ही 20 सितंबर को बीरभूम में ही लोकपुर थाने के गंगपुर गांव में टीएमसी कार्यकर्ता बबलू मंडल के घर पर एक टिन शेड में एक और विस्फोट हुआ। हाल ही में NIA को सौंपी गई जांच: एक के बाद एक दो ब्लास्ट की जांच पहले राज्य की CID को सौंपी गई थी. फिर अप्रैल 2022 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने NIA को पूरे मामले की जांच करने की अनुमति दी और CID से सहयोग करने को कहा. अपनी जांच के दौरान ही NIA ने मंडल को गिरफ्तार किया था। अब NIA ने दावा किया है कि वो बम बबलू मंडल के घर पर उनकी सहमति से रखा गया था. साथ ही बम रखने के पीछे चुनावों में डर फैलाने की वजह भी बताई जा रही है।
TMC ने BJP को घेरा :NIA की जांच को लेकर TMC की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने NIA पर BJP के लिए काम करने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा- NIA एक केंद्रीय एजेंसी है. BJP जो कहना चाहती है वो केंद्रीय एजेंसियों के जरिए कहती है. हम सभी को ये पता चल गया है। वहीं बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने मामले पर कहा कि NIA कुछ अलग नहीं कह रही है. घटना के वक्त इलाके के लोगों ने भी यही बात कही थी।