जालंधर (ब्यूरो): किसानों का आंदोलन लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। सरकार आश्वासन पर आश्वासन दे रही है, लेकिन किसानों के खातों में गन्ने की बकाया राशि नहीं डाल रही है। पहले पंजाब सरकार ने किसानों के साथ मीटिंग करके 30 अगस्त तक का समय मांगा था, लेकिन अब एक बार फिर से सरकार ने इसे आगे बढ़ाते हुए कल यानी शुक्रवार तक का समय मांग लिया है।
सरकार ने किसानों को एक बार फिर से आश्वस्त किया है कि उनके खातों में शुक्रवार तक पैसे डाल दिए जाएंगे। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि फगवाड़ा शुगर मिल को सरकार अपने बूते पर चलाएगी। इसके बारे में भी सरकार शुक्रवार को किसान नेताओं को बताएगी कि मिल को चलाने के लिए क्या प्लानिंग की गई है। सरकार ने सीजन से पहले शुगर मिल चलाने का आश्वासन दिया।
किसान नेताओं ने कहा कि 4 अगस्त को जो फगवाड़ा में बड़ा इकट्ठ होना था, वह अभी फिलहाल मुल्तवी किया गया है। दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होने जा रही है, जिसमें पंजाब की सभी जत्थेबंदियों के नेता शामिल होने जा रहे हैं। इस बैठक में फिर से सिंघु जैसा आंदोलन चलाने की रूपरेखा तय की जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन दोआबा के प्रधान मनजीत सिंह राय ने कहा कि यदि पंजाब सरकार ने शुक्रवार तक किसानों के खातों में गन्ने की बकाया राशि नहीं डाली तो इसके लिए अगला एक्शन क्या होगा, यह भी दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में तय किया जाएगा। बार-बार आश्वासन के बावजूद यदि इस बार पैसे न आए तो एक्शन बड़ा ही होगा।
उन्होंने कहा कि किसानों का 72 करोड़ रुपए गन्ना मिलों के पास फंसा हुआ है, जबकि मिल मालिक फरार हो चुका है और विदेश में बैठा है। बता दें कि पिछली बार जो किसानों की 31 जत्थेबंदियों की मीटिंग फगवाड़ा के गुरुद्वारा श्री सुखचैन साहिब में हुई थी, उसमें यह भी फैसला लिया गया था कि सरकार जो गन्ने का बकाया देगी, उस पर ब्याज भी दे। क्योंकि किसानों ने जो बैंकों के कर्ज लेकर फसल बोई होती है, उस पर बैंक भी ब्याज लेता है। पिछले 3 सालों से गन्ने का बकाया शुगर मिल फगवाड़ा के पास फंसा हुआ है।