जालंधर (ब्यूरो): पंजाब सरकार ने जनप्रतिनिधि चुनी महिलाओं को खुद ही काम करवाना होगा। उनके पति, पिता या बेटे को सरकारी मीटिंग या उनकी जगह कामकाज के लिए अलाउड नहीं किया जाएगा। इस संबंध में सभी जिला हेडक्वार्टर में सर्कुलर इश्यू कर दिया गया है। अफसरों को चेतावनी भी दी गई कि अगर इनकी जगह उनके रिश्तेदारों को अलाउड किया तो इसकी गाज अफसरों पर गिरेगी।
रिश्तेदार पद का मिसयूज कर रहे ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि पिछले काफी समय से हमें यह शिकायत मिल रही थी कि करीब 95% महिलाएं सरपंच, पंच, ब्लॉक समिति मेंबर चुनी गई हैं। उनकी जगह उनके पति, पिता, भाई समेत दूसरे रिश्तेदार पद का मिसयूज करते हैं।
पति, पिता और बेटे की चौधराहट नहीं चलेगी घर के लोग उन्हें मौका नहीं देते। उन्हें ब्लॉक समिति और जिला परिषद की मीटिंग में नहीं जाते। जब यह लोग DC या SSP ऑफिस जाते हैं तो खुद को ही सरपंच या चेयरमैन बताते हैं। शहरों में नगर कौंसिलों और नगर पंचायतों में भी महिलाएं मेंबर बनती हैं लेकिन चौधराहट उनके पति की चलती है। लोग भी उनके पति को ही उस ओहदे पर बताते हैं। सरकार ने हुक्म जारी किया है कि आज के बाद चुनी हुई जनप्रतिनिधि महिला खुद ऑफिस में आए। हर तरह की मीटिंग में शामिल हो।