You are currently viewing पंजाब के फगवाड़ा को भी बना डालेंगे सिंघु बॉर्डर , धरने को पंजाब के 31 जत्थेबंदी ने दिया समर्थन, 25 अगस्त को किसान होंगे इकट्ठे

पंजाब के फगवाड़ा को भी बना डालेंगे सिंघु बॉर्डर , धरने को पंजाब के 31 जत्थेबंदी ने दिया समर्थन, 25 अगस्त को किसान होंगे इकट्ठे

जालंधर (ब्यूरो):पंजाब के किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है। फगवाड़ा का शुगर मिल चौक भी अब सिंघु बार्डर में तबदील होगा। शुगर मिल के सामने दिए जा रहे धरने को पंजाब की 31 जत्थेबंदियों का समर्थन मिला है। सभी जत्थेबंदियों की फगवाड़ा में देर रात तक चली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। बैठक में निर्णय लिया गया है कि 25 अगस्त को फगवाड़ा मिल चौक पर किसानों का भारी इकट्ठ किया जाएगा। इसमें सिर्फ दोआबा के ही नहीं बल्कि पूरे पंजाब से किसान आएंगे। किसान नेताओं ने कहा फगवाड़ा शुगर मिल को भी सिंघु बार्डर में तबदील किया जाएगा। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक यहां पक्का मोर्चा रहेगा। इसके अलावा एक अहम फैसला लखीमपुर खीरी हत्याकांड को लेकर भी लिया गया है। किसानों की 31 जत्थेबंदियों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज बुलंद की जाएगी। इसके लिए पंजाब से 10 हजार किसानों का एक जत्था उत्तर प्रदेश में जाएगा और वहां पर जाकर इंसाफ के लिए संघर्ष शुरू करेगा।

आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए देर रात तक फगवाड़ा के गुरुद्वारा ज्ञानसर साहिब में चली बैठक में विभिन्न जत्थेबंदियों के नेताओं रुलदू सिंह मनसा, मनजीत सिंह राय, कुलदीप सिंह वाजिदपुर, फुरमान सिंह संधू, बलजीत सिंह, जंगबीर सिंह, मुकेश चंद्र शर्मा, बूटा सिंह बुर्जगिल, सतनाम सिंह अजनाला, रमिंदर सिंह पटियाला, कुलवंत सिंह, अमरीक सिंह, बुद्ध सिंह इत्यादि शामिल हुए।

किसान नेताओं ने कहा कि उनकी सरकार से मांग है कि फगवाड़ा शुगर मिल में जो 72 करोड़ रुपया किसानों का फंसा हुआ है उसकी अदायगी करे। फैक्ट्री को अपने कब्जे में लेकर इसका संचालन खुद करे। किसान नेताओं का कहना है कि उनकी मुख्यमंत्री से इस मुद्दे के लेकर कई बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकल पा रहा है। सरकार में अफसरशाही हावी होने के कारण कोई फैसला नहीं हुआ है। किसानों ने सरकार से यह भी मांग की है कि उनके पशु लंपी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। बहुत ज्यादा तादाद में पशु मर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई इलाज नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि पशुधन का नुकसान भी किसानों को उठाना पड़ रहा है। सरकार समय पर सही कदम उठाकर पशुओं का इलाज करवाए।

सरकार ने चिट्ठी भेजी लेकिन फैसला संगत लेगी, किसानों के पूरा हाईवे बंद कर देने और राज्य के 31 किसान संगठनों के इकट्ठे हो जाने के बाद देर रात ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल की चिट्ठी किसानों के पास पहुंची। इसके अलावा मंत्री के साथ किसान नेताओं की बात भी हुई। किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा कि सरकार ने बेशक पैसे डालने की घोषणा कर दी है, लेकिन फगवाड़ा शुगर मिल का मामला अभी तक हल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने जो सरकार की तरफ से पत्र भेजा है उसमें भी सितंबर की दस तारीख तक पैसे डाल देने का आश्वासन दिया है, लेकिन ऐसे आश्वासन पहले भी मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिट्ठी का सारा मजमून धरने में आई संगत के सामने रखा जाएगा इसके बाद फैसला लेंगे कि क्या करना है।