जालंधर (ब्यूरो): बिहार में 5 साल बाद नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल रहे हैं। भाजपा से चल रही तकरार के बीच CM नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू सिंह चौहान से मिलने का वक्त मांगा है। मुख्यमंत्री जदयू के कुछ नेताओं के साथ राजभवन जाएंगे। राजभवन के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। भारी पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है। इधर, राजद, कांग्रेस और वामदलों ने नीतीश सरकार को समर्थन देने के लिए पत्र तैयार कर लिया है। चिट्ठी पर विपक्षी विधायकों का हस्ताक्षर लिया गया है।
इसी बीच कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे। सबकुछ तय हो गया है।
आज के अहम बयान….
रोहिणी आचार्य, लालू यादव की बेटी – राजतिलक की करो तैयारी, आ रहे हैं लालटेनधारी। जीतन राम मांझी,
पूर्व मुख्यमंत्री- बिहार में जो भी समीकरण बने। हम नीतीश कुमार के साथ मजबूती से खड़े हैं।
नीरज सिंह, जदयू- हमारे नेता के खिलाफ साजिश की गई है। उनका कद छोटा करने का प्रयास किया गया। जल्द ही सबकुछ बताएंगे,
सियासी उठापटक के बड़े अपडेट्स..
- हाईकमान से फोन आने के बाद भाजपा कोटे के मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे। इससे पहले खबर आई थी कि भाजपा के मंत्री अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौपेंगे।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर जदयू विधायकों-सांसदों की मीटिंग चल रही है। मीटिंग में पहुंची आरसीपी सिंह के करीबी शीला मंडल ने कहा कि मैं CM के साथ हूं।
नीतीश का क्या है एक्शन प्लान?
सभी विधायकों-सांसदों के साथ बैठक, सत्तारुढ़ दल जदयू ने अपने विधायकों और सांसदों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया है। 11 बजे पटना के मुख्यमंत्री आवास 1 अन्ने मार्ग में सभी विधायकों और सांसदों को बुलाया गया है। पहले दौर में CM नीतीश कुमार जदयू के सभी 16 सांसदों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें दिल्ली में पार्टी की राजनीति में क्या कुछ बदलाव होगा, इस पर चर्चा होगी।
दूसरे राउंड की बैठक में NDA पर फैसला, बैठक का दूसरा राउंड सिर्फ विधायकों के साथ होगा। इस बैठक में बिहार की मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी। CM इस बैठक में ही फैसला लेंगे कि वो NDA में रहेंगे या नहीं। बैठक में संगठन के कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी बुलाया गया है।
फ्लोर टेस्ट के लिए पहले से ही तैयारी, इस बैठक में यदि NDA में नहीं रहने पर बात बनी तो, ये तय होगा कि अगली सरकार किसके साथ बनाई जाए। इसके बाद सभी विधायकों को पटना में अगले 72 घंटों तक रहने का निर्देश दिया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि गठबंधन टूटने के बाद अगले गठबंधन को फ्लोर टेस्ट में जाना होगा। ऐसे में सभी विधायकों का पटना में रहना अनिवार्य है।