जालंधर(ब्यूरो): जिले के सरकारी अस्पतालों में भी आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना बंद हो गई। गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच), सिविल अस्पताल, बाबा बकाला, तरसिक्का, वेरका में कार्यरत प्रोग्राम मित्रों ने काम करने से इन्कार कर दिया। कर्मचारियों ने विरोधस्वरूप आयुष्मान काउंटर को अंदर से बंद कर काम का बहिष्कार किया। इस वजह से 200 से अधिक मरीजों को निश्श्लक इलाज नहीं मिला। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से उपरोक्त सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान योजना से जुड़े मरीजों की फाइल तैयार नहीं हुई, नतीजतन मरीजों को पैसे खर्च कर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेना पड़ा।
दरअसल, राज्य के 150 आयुष मित्रों ने ही वीरवार को काम का बायकाट कर दिया। इन कर्मचारियों का कहना था कि पिछले दो माह से उन्हें वेतन जारी नहीं किया जा रहा। ऐसे में वह आर्थिक तंगहाली का शिकार हो रहे हैं। निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना बंद होने के बाद सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है, पर यहां न पर्याप्त स्टाफ है और न ही उन्हें समय पर वेतन मिल रहा है। ऐसे हालात में वह काम कैसे करें।
बताया जा रहा है कि स्टेट हेल्थ एजेंसी को छह माह से पंजाब सरकार ने भुगतान नहीं किया। चार माह तक एजेंसी अपने स्तर पर कर्मचारियों को वेतन जारी करती रही, पर अब हाथ खड़े कर दिए हैं। कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से जिले के सरकारी अस्पतालों में 200 से अधिक कार्ड धारकों को निशुल्क उपचार की सुविधा नहीं मिली। जीएनडीएच में 100 से अधिक कार्ड धारकों को निराश होना पड़ा, गुरु नानक देव अस्पताल में आए 100 से अधिक कार्ड धारकों को निराश होना पड़ा। हालांकि प्रोग्राम मित्र अंदर बैठे थे, पर उन्होंने नए मरीजों को अटेंड नहीं किया। हां, पुरानी फाइलें जरूर निपटाई। हालात ऐसे बने कि बाहर मरीजों की लंबी कतारें लग गई थीं। अस्पताल के कर्मियों ने कुछ काम निपटाया
अस्पताल प्रशासन ने प्रोग्राम मित्रों से बात की, पर उन्होंने जवाब दिया कि स्टेट हेल्थ एजेंसी द्वारा उनका वेतन जारी नहीं किया जा रहा। ऐसी स्थिति में वे काम नहीं करेंगे। ऐसे में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. केडी सिंह ने अस्पताल के दो अन्य कर्मचारियों को काउंटर पर भेजा। ये कर्मचारी नए थे, पर जितना कर सकते थे उन्होंने किया। जम्मू से आए पत्नी का उपचार करवाने।
जम्मू निवासी नरेश कुमार अपनी पत्नी का उपचार करवाने गुरु नानक देव अस्पताल पहुंचे थे। आयुष्मान कार्ड से निश्शुल्क उपचार करवाने के लिए काउंटर पर पहुंचे। स्टाफ ने जवाब दे दिया कि वे हड़ताल पर हैं। नरेश के अनुसार वह बीते मंगलवार को अस्पताल में आए थे। मंगलवार व बुधवार को कर्मचारियों ने नेटवर्क बंद होने की बात कही और वीरवार को हड़ताल पर चले गए। एमएस ने स्टेट एजेंसी से बात की, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. केडी सिंह ने कहा कि प्रोग्राम मित्रों का वेतन जारी करवाना स्टेट हेल्थ एजेंसी का काम है। मैंने एजेंसी के अधिकारी से बात की और कहा कि जल्द भुगतान करें, ताकि मरीजों को परेशानी न हो। अधिकारी ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही वेतन जारी होगा।