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पंजाब में डिजिटल मिलिंग पॉलिसी, ट्रकों पर GPS बिजली मीटर से मिलों की निगरानी, 1 अक्टूबर से धान खरीद, कैबिनेट की मुहर लगी

जालंधर(ब्यूरो): पंजाब में धान खरीद के बाद उसे शैलर और मिल तक पहुंचाने के लिए मिलिंग पॉलिसी पूरी तरह डिजिटल होगी। गुरूवार को चंडीगढ़ में कैबिनेट मीटिंग में इस पर मुहर लगी। मिलिंग प्रक्रिया की ट्रकों पर GPS और बिजली मीटर से निगरानी होगी। धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बाहर से धान लाकर यहां नहीं बेचने दी जाएगी।

जानिए कैसे काम करेगी पॉलिसी, मंडी से धान की बोरियां ले जाने वाले ट्रक पर GPS लगा होगा। मंडी के गेट से निकलते वक्त ट्रक की फोटो होगी। फोटो और जीपीएस की टाइमिंग मैच होनी चाहिए। इसके बाद ही उसे शैलर में एंट्री मिलेगी। इससे दूसरे राज्यों से आने वाली फसल को खत्म किया जा सकेगा।
छोटे मिलर के बिजली मीटर PSPCL के साथ डिजिटली जोड़ा है। एक टन मिलिंग के लिए कितनी बिजली खपत होगी, इसका हमने अंदाजा लगाया है। इससे उसकी क्षमता के हिसाब से बिजली खपत का पता चलेगा। अगर खपत ज्यादा हुई तो जांच होगी कि उसने क्षमता से अधिक धान तो नहीं खरीदा।
छोटे-बड़े मिलर को बराबर मौका।

सीएम भगवंत मान ने कहा कि 2 से 4 टन वाले मिलर को ज्यादा बैनिफिट दिया गया है। कई बार बड़े ज्यादा खरीद कर लेते हैं लेकिन हम सबको बराबर का मौका देंगे। बारदाने के लिए ट्रांसपोर्टर्स से पहले एग्रीमेंट करेंगे। पहले यह काम फसल खरीद शुरू होने पर किया जाता था।

मंडियों से फूस माफिया खत्म, टेंडर नहीं होगा, CM भगवंत मान ने कहा कि मंडियों में एक नया फूस माफिया पैदा हो गया था। मंडियों में धान बिक्री के बाद बचे-खुचे सामान को अब आसपास के लोग भी खरीद सकेंगे। वह उसके दाने खरीदकर रोजी-रोटी के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। बस उन्हें सफाई करनी होगी। इसका टेंडर किसी को नहीं दिया जाएगा।