जालंधर(ब्यूरो) : एचएमवी कॉलेजिएट सीनियर सेकेंडरी के छात्रों को ‘विश्व पेपर बैग दिवस’ के रूप में चिह्नित करते हुए। स्कूल ने पेपर बैग तैयार किए और लोगों को प्लास्टिक बैग से दूर रहने और पेपर बैग का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जो पर्यावरण के अनुकूल हैं।
प्राचार्य प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में, छात्रों ने पेपर बैग के उपयोग को बढ़ाने का संकल्प लिया जो कि पुन: प्रयोज्य और साथ ही पुन: प्रयोज्य हैं। विद्यार्थियों ने अखबार, चार्ट पेपर, गिफ्ट पेपर का उपयोग कर सजावटी तरीके से सुंदर और मनोरम पेपर बैग तैयार किए। इस पेपर बैग प्रदर्शनी के माध्यम से छात्रों ने यह संदेश दिया कि प्लास्टिक बैग न केवल बायो-डिग्रेडेबल हैं; वे बहुत दबाव भी सह सकते हैं।
इन्हें बनाने में प्लास्टिक की थैलियों की तुलना में कम ऊर्जा लगती है। पेपर बैग पालतू जानवरों और अन्य जानवरों के लिए भी सुरक्षित हैं। प्राचार्य डॉ. अजय सरीन ने कहा कि एचएमवी ने वेस्ट पेपर रीसाइक्लिंग यूनिट स्थापित की है जिसका उपयोग विभिन्न पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं को उत्पन्न करने के लिए छात्रों, कार्यालय से अपशिष्ट / प्रयुक्त कागज को रीसायकल करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग अपशिष्ट/प्रयुक्त कागज, कार्डबोर्ड, टेट्रा पैक, जेरोक्स पेपर, डेनिम सामग्री आदि के पुनर्चक्रण के लिए भी किया जाता है।
आवश्यकता के आधार पर विभिन्न मोटाई, रंग और गुणवत्ता के कागज इस मशीन के माध्यम से तैयार किए जाने हैं। कागज को तीन बार पुनर्नवीनीकरण किया जाता है और मशीन से निकलने वाले अपशिष्ट जल का उपयोग बागवानी के लिए किया जाता है। पूरी प्रक्रिया के दौरान फिटकरी को छोड़कर किसी भी रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है।
पुनर्नवीनीकरण कागज का उपयोग कार्यालय की फाइलें, फोल्डर, लिफाफा, उपहार लपेटने, पैकिंग सामग्री आदि बनाने के लिए किया जाता है। स्कूल समन्वयक श्रीमती मीनाक्षी सयाल ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि हमारे पेपर बैग दिवस गतिविधि के माध्यम से छात्रों को जागरूक किया गया था। ऐसी चीजें जो पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं, जिससे छात्रों को सही ज्ञान मिलता है और वे जिम्मेदार नागरिक बन जाते हैं। छात्रों के लिए आयोजित इस तरह के कार्यक्रम हमें उनकी प्रतिभा को उजागर करने में मदद करते हैं। कार्यक्रम की समग्र प्रभारी सुश्री गुरदीप कौर थीं।