जालंधर (नि. स.) पर्यावरण के खतरा बन चुके सिंगल यूज प्लास्टिक पर एक जुलाई से प्रतिबंध लगने जा रहा है। इस प्रतिबंध में 19 वस्तुओं को शामिल किया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री, भंडारण से लेकर आयात करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है।
इस प्रतिबंध को लागू करवाने वाली एजेंसी में एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया है। क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के निर्माण पर सख्ती करना पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का अधिकार है, बन चुके उत्पादों की बिक्री पर कार्रवाई करने निगम के अधिकार क्षेत्र में है।
निगम अधिकारियों पर राजनीतिक दवाब सबसे ज्यादा रहा है। इस बैन को लागू करवाने के लिए दोनों विभागों के अधिकारी एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकना शुरू कर चुके है। इससे पहले भी कार्रवाई को लेकर दोनों विभागों में इसी तरह का विवाद रहा है।
एक जुलाई से पूरे देश में प्रतिबंध गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक जुलाई से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध के बाद 19 तरह की वस्तुओं का निर्माण, उन्हें स्टोर करना या फिर बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। अगर कोई व्यक्ति इन प्रतिबंध का उल्लंघन करता है तो उसके पास मिलने सामान को जब्त किया जाएगा। वहीं उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी। पर्यावारण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत ऐसे आरोपित को पांच साल कैद या फिर एक लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।
कार्रवाई के नाम पर दो विभागों में फंसेगा पेंच प्रतिबंध को जमीनी स्तर पर लागू करवाने की जिम्मेदारी दो विभागों के पास है। सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण और भंडारण पर कार्रवाई करने का अधिकार पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पास है। स्थानीय स्तर पर इनकी बिक्री या फिर ऐसी वस्तुओं को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाते समय पकड़ना नगर निगम के जिम्मे आता है।
इन उत्पादों पर लगा प्रतिबंध
- प्लास्टिक के झंड़े
- थर्मोकोल से तैयार होने वाली सजावट
- प्लास्टिक के कप
- प्लास्टिक प्लेट
- प्लास्टिक ग्लास
- प्लास्टिक के चाकू
- मिठाई डिब्बे की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली फिल्म
- सिगरेट पैकेट
- 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले बैनर
- 75 माइक्रोन से कम वाले कैरीबैग
- ईयर बड्स
- कैंडी स्टिक
- गुब्बारों के प्लास्टिक स्टिक
- निमंत्रण कार्ड
- आइस्क्रीम स्टीक