मान्यवर बारिश का मौसम सिर पर है और शहर की सफाई व्यवस्था, सड़कों, सीवरेज और स्ट्रीट लाइट को लेकर आज नगर निगम की बैठक में खूब हंगामा होने के आसार हैं। करीब 6 महीने बाद होने जा रही नगर निगम की बैठक में सड़क, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट और सफाई के मुद्दों पर विरोधियों के साथ-साथ अपने भी मेयर की घेराबंदी कर सकते हैं। इसका ट्रेलर मेयर जगदीश राज राजा को मंगलवार को पार्षदों की बैठक में मिल चुका है।
मेयर ने पिछले कल नगर निगम हाउस की मीटिंग से पहले पार्षदों की एक बैठक कैंप ऑफिस मॉडल टाउन में बुलाई थी। इस बैठक में 65 में से सिर्फ तीस ही पार्षद शामिल हुए और इनमें भी अधिकतर मेयर की कांग्रेस पार्टी के ही थे। बैठक के दौरान कई कांग्रेसी पार्षदों ने ही शहर में टूटी-फूटी सड़कों, स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट, स्टॉर्म सीवरेज व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए और मेयर की कारगुज़ारी को भी कठघरे में खड़ा किया।
बता दें कि शहर में सड़कों का बुरा हाल है। स्टॉर्म सीवरेज के लिए खोदी गई सड़कें अभी तक दोबारा बनकर तैयार नहीं हुई हैं। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट जब से चला है, तभी से विवादों में है। शहर की सफाई व्यवस्था सिर्फ 40 प्रतिशत कर्मचारियों के हाथ में है, जबकि 60 प्रतिशत स्टाफ के पद खाली पड़े हैं। हालत यह है कि शहर के बहुत सारे वार्डों में सफाई कर्मचारी पहुंच ही नहीं पाते।
शहर में बहुत सी जगहों पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। नगर निगम के अपने ऑफिस का यह हाल है कि वहां पर प्रोमोशन के बाद या फिर सेवानिवृत्ति के बाद जो पद खाली हो रहे हैं, उन्हें भरा नहीं जा रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है। बिल्डिंग ब्रांच में एक ही कम्प्यूटर पर सारे शहर के नक्शे बन भी रहे हैं और उसी पर पास भी हो रहे हैं। कर्मचारियों पर दबाब डाला जा रहा है कि वह अपना डाटा खर्च करके मोबाइल पर नक्शों को चैक करके पास करें।
नगर निगम में बहुत सारी एसी समस्याएं हैं, जिनसे लोग परेशान हैं और लोगों की परेशानी के कारण पार्षदों को गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है।