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तूड़ी को लेकर जालंधर में बड़ी कार्रवाई धारा 144 लागू, आदेश- चारे की जमाखोरी की और फैक्ट्रियों को बेचा तो खैर नहीं

 

मान्यवर पंजाब के जिला जालंधर में सूखे चारे का संकट बना हुआ है। वहीं, तूड़ी की जमाखोरी कर जमाखोरों ने और समस्या बढ़ा दी है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने धारा-144 लागू कर दी है। इसके साथ ही स्पष्ट किया है कि कोई भी यदि तूड़ी की जमाखोरी और फैक्ट्री में बेचते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। चारा विक्रेताओं के साथ ही फैक्ट्री मालिकों को सचेत कर जिला प्रशासन ने कहा है कि वह पशुओं का हित सोचें और फैक्ट्री में तूड़ी के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाएं।

जिला दंडाधिकारी (जिला मजिस्ट्रेट कम एडीसी मेजर (सेवानिवृत्त) अमित सरीन ने अपनी प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए धारा-144 लागू कर आदेश जारी किए हैं कि जिले में इस बार गेहूं के कम उत्पादन के साथ ही तूड़ी भी कम हुई है। लेकिन, कुछ लोग कम उत्पादन का निजी फायदे के लिए नाजायज फायदा उठा रहे हैं। वह तूड़ी की जमाखोरी कर महंगे दामों पर बेचकर ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं।

उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि यह गैर कानूनी कार्य है। जहां एक तरफ पशु पालकों को जरूरत के अनुसार तूड़ी नहीं मिल रही है। वहीं, दूसरी तरफ भट्‌ठा और फैक्ट्रियों में महंगे दामों पर तूड़ी बेचे जाने का मामला संज्ञान में आया है। कहा कि तूड़ी पशुओं का मुख्य चारा है जो पहले पशुओं के लिए है। इसके साथ समझौता नहीं किया सकता।

उन्होंने जिले के सभी उपमंडलाधिकारियों, इलाका मजिस्ट्रेट के अलावा, पुलिस के सभी अधिकारियों को धारा-144 की कॉपी भेजते हुए कहा है कि वह तूड़ी की ब्लैक मार्केटिंग पर पैनी निगाह रखें। यदि कोई तूड़ी की जमाखोरी या फैक्ट्रियों को बेचता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए।