मान्यवर लुधियाना की ट्रायल कोर्ट की ओर से भगोड़ा घोषित करने के 12 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई 25 मई को तय की है। अगली सुनवाई पर पंजाब सरकार को बैंस के खिलाफ लंबित अन्य मामलों की जानकारी सौंपने का भी आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए बैंस ने हाईकोर्ट को बताया कि उन पर दुष्कर्म के आरोप में एफआईआर दर्ज है। यह एफआईआर राजनीतिक रंजिश का नतीजा है। इस मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। इसी बीच उन्हें पता चला कि लुधियाना की ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया।
याची ने कहा कि उसे जब सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है तो कैसे उसे भगोड़ा घोषित किया जा सकता है। साथ ही यह भी कहा कि भगोड़ा घोषित तब किया जाता है जब न्यायालय को लगता है कि व्यक्ति कानूनी प्रक्रिया से बचने का प्रयास कर रहा है। इस मामले में वह अपने न्यायिक अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसके साथ ही भगोड़ा घोषित करने के लिए जो तय प्रक्रिया है उसका पालन नहीं किया गया। उनके घर के बाहर नोटिस चस्पा नहीं किया गया जो भगोड़ा घोषित करने के लिए जरूरी है। वे विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं तो कैसे उन्हें भगोड़ा घोषित किया जा सकता है। हाईकोर्ट में अब इस याचिका पर 25 मई को सुनवाई होगी।