मान्यवर Apeejay School महावीर मार्ग के संस्थापक स्वर्गीय डॉ सत्यपॉल जी की धर्मपत्नी श्रीमती राजेश्वरी पाॅल जी की पुण्यतिथि 12.5.22 को मनाई गई। उनकी 10वीं पुण्यतिथि में उन्हें याद करते हुए प्रातः 8:00 बजे एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया । वह श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया (सह – प्रचारक और अध्यक्ष एपीजे एजुकेशन सोसाइटी )की माताजी थीं
विद्यालय के प्रिंसिपल श्री गिरीश कुमार जी तथा वाइस प्रिंसिपल श्री वी के खन्ना जी ने माता जी के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए।प्रार्थना सभा में भजनों द्वारा श्रीमती राजेश्वरी पाॅल जी को श्रद्धांजलि दी गई ।भजनों की माला में ‘हे राम, जग में सांचों तेरा नाम’, ‘श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी’, ‘ अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदर’, ‘गोविंद गिरधारी श्याम मुरारी , ‘ भजनों की पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विद्यालय के प्रिंसीपल श्री गिरीश कुमार जी ने कहा कि श्रीमती राजेश्वरी पाॅल जी प्रेम,त्याग , विशाल ह्रदय और ममता की प्रतिमूर्ति थी। उनके सभी गुण उनकी बेटी श्रीमती सुषमा जी के चरित्र में भी नज़र आते हैं।
कोरोना काल में उनके इन गुणों से बहुत से लोग लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने मानवता दिखाई तथा सब की सहायता की वह एक उदाहरण है। विद्यार्थियों को भी श्रीमती राजेश्वरी पॉल जी के मूल्यों अपनाना चाहिए क्योंकि एक अच्छा विद्यार्थी केवल अंक लेने के लिए ही नहीं बल्कि चरित्र निर्माण करने के लिए भी विद्यालय में आता है। एपीजे विद्यालय अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाता है। मां के महत्त्व को दर्शाते हुए विद्यालय के प्रिंसिपल जी ने कहा ‘चलती फिरती इन आंखों से अज़ान देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी पर माॅं देखी है”। हम सबकी श्रीमती राजेश्वरी देवी जी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनकी शिक्षाओं और मूल्यों को अपने जीवन में उतारे।