मान्यवर पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह हनी की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है। पुलिस उसे कोर्ट में आज दोबारा पेश करेगी। 20 अप्रैल को हनी की कोर्ट में वर्चुअल पेशी हुई थी। कोर्ट ने हनी को कोई राहत न देते हुए 4 मई तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इस बार भी ऐसी संभावना है कि उसे वर्चुअली कोर्ट में पेश किया जाए।अवैध खनन करके धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में फंसे हनी की जमानत याचिका पर भी आज फिर सुनवाई होगी। जमानत याचिका पर पिछली सुनवाई 2 मई को हुई थी, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ था। हनी की जमानत याचिका उसके वकीलों ने 20 अप्रैल को दायर की थी। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तारीख तय की थी।
27 अप्रैल को बचाव पक्ष और ईडी के वकील की कोर्ट में जमानत को लेकर बहस भी पूरी हो चुकी है, लेकिन कोर्ट ने कोई फैसला देने की बजाय 30 अप्रैल की तारीख सुनवाई के लिए डाल दी थी। 30 अप्रैल को भी दोनों वकील कोर्ट में पेश हुए, फिर भी कोई फैसला नहीं आया और 2 मई की तारीख मिली, लेकिन पिछली तारीख पर कोर्ट ने कोई सुनवाई न करते हुए 4 मई की तारीख दे दी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री से भी कर चुकी ईडी पूछताछ खनन माफिया के साथ सांठगांठ कर धन शोधन करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी से भी पूछताछ कर चुके हैं। उन्हें ईडी के अधिकारियों ने समन भेज कर तलब किया था। समन मिलने पर चरणजीत सिंह चन्नी ने जालंधर में ईडी के दफ्तर आकर बयान दर्ज करवाए थे। चन्नी से ईडी से भूपिंदर सिंह हनी के साथ की गई यात्राओं के बारे में सवाल पूछे थे। इसके बाद चन्नी से खुद ट्वीट करके कहा था कि वह ईडी के अधिकारियों के समक्ष पेश हुए थे और उनके सवालों के जवाब दिए हैं।
ईडी का दावा- हनी ने माना 10 करोड़ लिए एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट के अधिकारियों ने हनी के घर से बरामद 10 करोड़ को लेकर बड़ा खुलासा किया था। ईडी अधिकारियों ने दावा किया था कि पूछताछ में पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी के भांजे ने माना था कि उसने पैसे लिए थे। यह राशि खनन माफिया के लोगों से खनन विभाग में ही अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग के लिए वसूले थे।
कोर्ट में ईडी ने कहा था 325 करोड़ का है मामला ED की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता लोकेश नारंग ने कहा था कि खनन माफिया से चन्नी के नाम का इस्तेमाल करके 10 करोड़ लेने वाले हनी के तार बहुत जगह जुड़े हुए हैं। ED के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि यह मामला सिर्फ 10 करोड़ का ही नहीं है, बल्कि जांच में पता चला है कि यह बहु करोड़ी मामला है। करीब 325 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री का नाम इस्तेमाल कर कमाए गए हैं।