मान्यवर पंजाब के किसानों ने बिजली की सप्लाई को लेकर कमर कस ली है। बार-बार और लंबे कट लगने से आहत किसानों ने बिजली महकमे को चेतावनी दी है कि कट लगाने बंद करें, अन्यथा वह सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। बिजली कट की समस्या को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन सिधपुर के नेताओं ने जालंधर में बिजली विभाग के ऑफिस शक्ति सदन में पहले धरना लगाया, फिर चीफ इंजीनियर से बातचीत की।
किसानों ने बैठक में चीफ इंजीनियर से सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बिजली कट न लगे। यदि बिजली कट लगने बंद न हुए तो उन्हें मजबूरन संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा। गांवों में 6 से 8 घंटे के बिजली कट लगाए जा रहे हैं। शहरों में भी घंटों बिजली गायब रहती है। बिजली के लंबे कट लगने से उनका कामकाज प्रभावित हो रहा है।
किसानों ने कहा कि गेहूं के बाद उन्हें अब अगली फसल की तैयारी करनी है। खेतों को पानी देना है। इसके अलावा गेंहूं का काम अभी बाकी है, लेकिन बिजली कट के कारण वह कुछ कर नहीं पा रहे हैं। चीफ इंजीनियर जी हम साफ-साफ कर रहे हैं कि दिन में छह घंटे निर्विघ्न बिजली चाहिए। अन्यथा हम कल से हाईवे जाम करके धरने पर बैठ जाएंगे।
इससे पहले किसानों ने आज पठानकोट बाइपास पर जाम का ऐलान कर रखा था, लेकिन जैसे ही पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत चीफ इंजीनियर से उनकी बात करवाने के लिए कहा। इसके बाद किसान शक्ति सदन पहुंच गए। वहां पर किसानों ने नारेबाजी की और धरना भी लगाया। चीफ इंजीनियर ने धरना दे रहे किसानों को बैठक के लिए बुलाया और उनकी बातों को सुनने के बाद आश्वस्त किया कि निर्विघन बिजली दी जाएगी।
चीफ इंजीनियर से आश्वासन के बाद किसानों ने कहा कि आज वह चैक करेंगे कि कट तो नहीं लगाए गए हैं। यदि आश्वासन के बाद भी कट लगा तो कल सुबह 10 बजे से हाईवे जाम कर दिया जाएगा। आश्वासन के बाद फिलहाल अपना संघर्ष टाल दिया गया है। आज शाम तक बिजली आपूर्ति चैक की जाएगी। यदि सब ठीक रहा तो कल हाईवे जाम करने का कार्यक्रम रद कर दिया जाएगा। यदि कट लगे तो कल से जालंधर लुधियाना हाईवे पर और प्रागपुर में हाईवे जाम किया जाएगा।