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तेज अंधड़ से खेतों में खड़ी गेहूं को नुकसान जालंधर में मंडियों में पड़ी फसल को बारिश से बचाने के लिए प्रशासन ने दिए तिरपाल

मान्यवर बरसात के साथ-साथ चले अंधड़ से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है, जबकि मंडियों में पड़ी गेहूं की फसल को बरसात से बचाने के लिए प्रशासन ने किसानों को तिरपाल मुहैया करवाए हैं। किसानों ने रात को मौसम बिगड़ते ही तुरंत बोरियों में पड़ी गेहूं और खुले में पड़ी गेहूं को इनसे ढक दिया। तिरपालों से ढकने के कारण गेहूं की फसल बरसात के पानी में भीगने से बच गई है।

हालांकि जालंधर के बहुत सारे क्षेत्रों में गेहूं की कटाई कर ली गई है, लेकिन बहुत सारे इलाके ऐसे भी हैं जहां पर अभी फसल खेतों में ही है। पिछली रात अंधड़ के साथ-साथ हुई बारिश के कारण पकी फसल खेतों में बिछ गई है। हालांकि इस अंधड़ और बरसात से कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मौसम खुल गया तो फसल को नुकसान नहीं होगा, यदि बारिश दोबारा फिर से हुई तो गेहूं का दाना काला पड़ सकता है। ऐसी संभावना फिलहाल कम ही दिखाई दे रही है।

पहले ही उपलब्ध करवा दिए थे तिरपाल डीसी जालंधर घनश्याम थोरी ने कहा कि जिले में अनाज का एक-एक दाना सुरक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंडियों में पहुंची फसल को बरसात से बचाने के लिए तिरपाल दिए गए हैं। राज्य सरकार के निर्देश पर पहले ही हवा और बारिश की संभावना को देखते हुए सभी जरूरी इंतजाम पूरे कर दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि जिले में बेमौसम बारिश से पहले अनाज मंडियों में पर्याप्त मात्रा में तिरपाल उपलब्ध कराए गए थे और गेहूं के सभी ढेर और फसल की खरीदी गई बोरियों को मंडी बोर्ड के कर्मचारियों और एजेंसियों द्वारा किसी भी नुकसान को रोकने के लिए कवर किया गया था। बेमौसम बारिश से किसानों को कोई परेशानी न हो इसके लिए पूरे स्टाफ की ड्यूटी पहले ही तय कर दी गई है।