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पंजाब में बिजली संकट गहराया 2 से 7 घंटे तक के कट लग रहे बिजली मंत्री ने दिल्ली पहुंचकर मांगा कोयला अतिरिक्त पावर सप्लाई भी मांगी

मान्यवर पंजाब में बिजली संकट गहराने लगा है। अभी से ग्रामीण इलाके में 7 घंटे तक के कट लगने शुरू हो गए हैं। वहीं शहरों में भी 2 से 3 घंटे के कट लगने शुरू हो गए हैं। इसे देखते हुए राज्य के बिजली मंत्री दिल्ली पहुंचे। उन्होंने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात कर कोयला मांगा। अगर जल्द कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो पंजाब में पिछले साल की तरह ब्लैकआउट जैसे हालात हो सकते हैं। वहीं पैडी सीजन में पर्याप्त बिजली न मिली तो CM भगवंत मान की सरकार को किसानों का आक्रोश भी झेलना पड़ेगा।

सप्लाई और डिमांड में अंतर बढ़ रहा पंजाब में इस साल अप्रैल महीने में पिछली बार के मुकाबले 5 डिग्री ज्यादा है। इसकी वजह से एसी-कूलर से बिजली की डिमांड बढ़ गई है। अप्रैल में ही पंजाब में बिजली की मांग 7 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। जिसकी वजह से बिजली की मांग और सप्लाई में करीब 450 मेगावाट तक का अंतर आ चुका है। यह हालात तब हैं, जबकि अभी गेहूं की फसल कट रही है और पैडी सीजन आना बाकी है। उस वक्त तक बिजली की मांग 15 हजार मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है।

बिजली मंत्री ने डेली 20 रैक कोयला मांगा पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मांग की कि उन्हें 10 जून तक डेली 20 रैक कोयला दिया जाए। उन्होंने पंजाब के लिए 50 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त कोयला भी मांगा ताकि पैडी सीजन शुरू होने से पहले उनके पास कोयले का पर्याप्त स्टॉक रहे। हालांकि केंद्र पहले ही राज्यों को कह चुका है कि वह अपने स्तर पर कोयले का इंतजाम करें। इसके बाद वह बिजली मंत्री आरके सिंह से भी मिले। जहां उन्होंने जून से अक्टूबर तक पंजाब के लिए नेशनल ग्रिड से रोजाना 1500 मेगावाट बिजली मांगी।

चन्नी सरकार नहीं संभाल सकी, अब CM मान के लिए चुनौती पिछले साल हुए बिजली संकट को संभालने में तत्कालीन CM चरणजीत चन्नी की अगुवाई वाली सरकार नहीं संभाल सकी। खेती और इंडस्ट्री को पर्याप्त बिजली देना तो दूर, कोयला संकट से घरों में भी बत्ती गुल हो गई। अब पंजाब में CM भगवंत मान की अगुवाई में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई है। ऐसे में उन्हें अब बिजली संकट की चुनौती को झेलना होगा।