मान्यवर पंजाब चुनाव में हुई करारी हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस इस पर मंथन करेगी। इसके लिए कांग्रेस के महासचिवों और राज्य इंचार्जों की मीटिंग बुलाई गई है। इस मीटिंग के बाद पंजाब में कांग्रेस इंचार्ज रहे हरीश चौधरी की छुट्टी तय है। वहीं नवजोत सिद्धू की जगह कांग्रेस को नया प्रधान मिल सकता है। सोनिया गांधी सिद्धू से पहले ही इस्तीफा ले चुकी हैं।
सिद्धू की जगह पर लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू, कादियां से विधायक प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व डिप्टी सीएम और डेरा बाबा नानक से MLA सुखजिंदर रंधावा और गिद्दड़बाहा से अमरिंदर राजा वड़िंग प्रधान पद के दावेदार हैं। वहीं पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ पर भी कांग्रेस दांव खेल सकती है। हालांकि अगर प्रियंका गांधी की चली तो सिद्धू को फिर प्रधान बनाया जा सकता है।
खुद की सीट हारने वाले सिद्धू पार्टी की हार की जिम्मेदारी नहीं ले रहे पंजाब में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। संगठन प्रधान होने के नाते सिद्धू ने इससे इन्कार कर दिया। सिद्धू का तर्क है कि यह चुनाव उनकी नहीं बल्कि चरणजीत चन्नी की अगुवाई में लड़ा गया। उन्होंने सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में भी सिर्फ सोनिया गांधी की इच्छा का हवाला दिया। सिद्धू खुद भी अमृतसर ईस्ट सीट से आम आदमी पार्टी उम्मीदवार जीवनजोत कौर से हार गए।
दोनों सीटें हारने वाले चन्नी ने भी चुप्पी साधी पंजाब चुनाव में कांग्रेस 18 सीटों पर सिमट गई। 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस 77 सीटें जीती थी। इस बार का चुनाव दलित चेहरा CM चरणजीत चन्नी की अगुवाई में लड़ा गया। कांग्रेस को चन्नी से कुछ ज्यादा ही करिश्मे की उम्मीद रही। यह बात अलग है कि चन्नी पार्टी को जिताना तो दूर, खुद CM रहते भी चमकौर साहिब और भदौड़ सीट से हार गए। दिल्ली बैठा कांग्रेस हाईकमान पंजाब में बदलाव की आहट को नहीं समझ सका। हार के बाद से दिन-रात इंटरव्यू देने वाले चन्नी ने चुप्पी साध रखी है।
हार के लिए चन्नी, सिद्धू और जाखड़ को ठहराया जिम्मेदार पांच राज्यों में पंजाब ही ऐसा था, जहां कांग्रेस को सरकार वापसी की उम्मीद थी। हालांकि पार्टी का अति आत्मविश्वास और नेताओं की कलह कांग्रेस को ले डूबी। चुनाव हारे नेताओं ने भी चरणजीत चन्नी, नवजोत सिद्धू और सुनील जाखड़ को हार का जिम्मेदार ठहराया। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटा चन्नी को सीएम बनाने के बाद खूब कलह हुई। जिसे संभालने की जगह कांग्रेस के बड़े नेता दावे करने में जुटे रहे।