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पंजाब में चुनावी-चक्र ठीक करने की जरुरत HC वकील ने RS इलेक्शन की द्विवार्षिक व्यवस्था बहाली के लिए राष्ट्रपति को लिखा खत सुझाव भी दिए

मान्यवर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट हेमंत कुमार ने राष्ट्रपति, केंद्रीय कानून मंत्रालय और भारतीय चुनाव आयोग को पंजाब राज्यसभा चुनाव व्यवस्था के संबंध में एक पत्र लिखा है। इसमें लिखा गया है कि पंजाब में राज्यसभा का चुनावी-चक्र बिगड़ गया है। इसे सही किया जाना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 83 और लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के मुताबिक देश के प्रत्येक राज्य में हर दो वर्षों बाद राज्यसभा की निर्धारित सीटों हेतु द्विवार्षिक चुनाव की व्यवस्था है, परन्तु पंजाब में ऐसा नहीं है। पंजाब में वर्ष 1992 से हर 2 वर्ष की बजाय 6 वर्ष बाद राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं।

एक बार बदलाव से द्विवार्षिक चुनाव व्यवस्था आएगी हेमंत कुमार ने लिखा है कि लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा 154, राज्यसभा सांसदों के कार्यकाल से ही सम्बन्धित है। इसका प्रयोग करके अथवा इसमें उपयुक्त संशोधन करके व्यवस्था बदली जा सकती है। व्यवस्था यह करनी होगी कि पंजाब से आगामी 3 राज्यसभा सीटों के चुनाव में निर्वाचित तीनों सांसदों का कार्यकाल अगली एक बार के लिए 6 वर्ष की बजाय 2 वर्ष अर्थात अप्रैल 2024 तक हो। इसी प्रकार शेष 2 राज्यसभा सीटों के लिए निर्वाचित दोनों सांसदों का कार्यकाल अगली एक बार के लिए 6 वर्ष की बजाय 4 वर्ष अर्थात अप्रैल 2026 तक हो।

वहीं जुलाई 2022 में रिक्त होने वाली 2 सीटों पर निर्वाचित सांसदों का कार्यकाल जुलाई 2028 तक अर्थात 6 वर्ष ही रहे। हेमंत कुमार के मुताबिक, यदि ऐसा होता है तो पंजाब में अप्रैल 2024 में राज्यसभा की 3 अप्रैल 2026 में 2 और जुलाई 2028 में 2 सीटें रिक्त होंगी। उनके लिए उसी वर्ष चुनाव करवाना होगा, जिससे प्रदेश में द्विवार्षिक चुनाव की व्यवस्था फिर से लागू हो जाएगी। हेमंत कुमार का कहना है कि आप पार्टी को इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि सदन में 92 विधानसभा सीटों के कारण वह अप्रैल 2024 और अप्रैल 2026 में भी अपने पांचों राज्यसभा सांसद निर्वाचित करवा सकती है।

इस तारीख को होने हैं चुनाव चुनाव आयोग द्वारा पंजाब में 5 राज्यसभा सीटों के चुनाव को लेकर नोटिफिकेशन जारी की गई है। 21 मार्च तक नामांकन भरे जाएंगे और इसके अगले दिन 22 मार्च को नामांकन की जांच होगी। 24 मार्च तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे और 31 मार्च को मतदान एवं मतगणना होगी। 2 अप्रैल तक निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। आगामी 9 अप्रैल 2022 को पंजाब से राज्यसभा हेतु मार्च 2016 में निर्वाचित सभी 5 सांसदों सुखदेव सिंह ढींढसा, नरेश गुजराल, श्वेत मलिक, प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दुल्लो का 6 वर्षों का कार्यकाल पूरा हो रहा है।

पूरे कार्यकाल में राज्यसभा सदस्य का निर्वाचन नहीं हुआ गत 11 मार्च को चुनाव आयोग द्वारा 16वीं पंजाब विधानसभा हेतु नवनिर्वाचित सभी 117 सदस्यों (विधायकों ) के नामों की नोटिफिकेशन जारी की गई है। वहीं पिछली 15वीं पंजाब विधानसभा को राज्यपाल द्वारा निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी की सिफारिश पर भंग कर दिया गया है। एडवोकेट हेमंत कुमार ने कहा कि 15वीं पंजाब विधानसभा के कार्यकाल के दौरान एक भी राज्यसभा सदस्य (सांसद) का निर्वाचन नहीं हो सका। यह संभवतः देश में पहली बार हुआ है।

हेमंत कुमार ने कहा कि 16वीं पंजाब विधानसभा के नतीजों में आम आदमी पार्टी (आप ) ने प्रदेश की कुल 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटें जीती हैं। आप के पास सदन में इतना विशाल बहुमत होने के कारण पंजाब से आगामी 5 सीटों हेतु मतदान करवाने की नौबत ही नहीं आएगी। पंजाब में 5 सीटों के लिए एक साथ नहीं, बल्कि 3 और 2 सीटों के लिए चुनाव आयोग द्वारा अलग -अलग चुनावी नोटिफिकेशन जारी करके राज्यसभा चुनाव करवाया जाएगा। उक्त सीटें अलग-अलग द्विवार्षिक चुनावी- चक्र की हैं।

राष्ट्रपति शासन के कारण चुनावी व्यवस्था बदल गई थी जून 1987 में पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। इस वजह से अप्रैल 1988 में रिक्त हुई 3 और अप्रैल 1990 में खाली हुई अन्य 2 राज्यसभा सीटों हेतु चुनाव नहीं करवाया जा सका था। फरवरी 1992 में जब 10वीं पंजाब विधानसभा का गठन हुआ, तब उन पिछले वर्षों ( 1988 और 1990) की कुल 5 राज्यसभा सीटों और वर्ष 1992 में उस वर्ष की रिक्त 2 अन्य सीटों का निर्वाचन करवाया गया। इस कारण 1992 में कुल 7 सीटों का निर्वाचन हुआ। उसके बाद हर 6 वर्षों बाद अर्थात वर्ष 1998 , 2004 , 2010 , 2016 में और अब वर्ष 2022 में ऐसा होगा। मार्च 2022 में 5 और जून 2022 को शेष 2 राज्य सभा सीटों के लिए निर्वाचन होगा।