मान्यवर हंस राज महिला महाविद्यालय जालंधर के नॉन टीचिंग स्टाफ ने मनाया जश्न ऋषि बोध उत्सव में प्राचार्य प्रो. डाॅ. (श्रीमती) अजय सरीन। गैर शिक्षण स्टाफ सदस्यों ने खीर एवं के लंगर का आयोजन किया पकौड़े बनाकर छात्रावास के छात्रों और आम जनता के बीच वितरित किए। इस परइस अवसर पर प्राचार्य प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने कहा कि हम यहां का वातावरण देख सकते हैं
पूरी दुनिया में अशांति। ऐसे में हम अपने जीवन को शांति की ओर मोड़ सकते हैं
महर्षि दयानंद सरस्वती जी के बताए मार्ग पर चल रहे हैं। महर्षि दयानंद जी
14 वर्ष की आयु में आत्म-साक्षात्कार हुआ था और हम इस दिन को ऋषि बोध उत्सव के रूप में मनाते हैं। हम इस महान शख्सियत को श्रद्धांजलि देते हैं और लंगर हमारी परंपरा का हिस्सा है। वह भी गैर-शिक्षण कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। अधीक्षक एडमिन श्री रवि मैनी ने कहा कि हमें अपने अहंकार, लालच और अन्य बुराइयों को छोड़ देना चाहिए ताकि हम एक शांतिपूर्ण जीवन जी सकें।
अधीक्षक लेखाकार पंकज ज्योति ने कहा कि हम सभी को के विकास में अपना योगदान देना चाहिए
आर्य समाज। तभी ऋषि बोध उत्सव मनाने के पीछे का उद्देश्य होगा
सफलता। अधीक्षक जनरल श्री लखविंदर सिंह ने कहा कि इस दिन हम सभी को ग्रहण करना चाहिए समाज से कुरीतियों को दूर करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सभी गैर-सदस्य शिक्षण स्टाफ, श्री सुशील कुमार, सहायक। भौतिकी में प्रो. और डॉ. मीनू तलवार, प्रमुख संस्कृत विभाग भी मौजूद थे।