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पंजाब राजपुरा-बठिंडा रेलमार्ग के दोहरीकरण का दूसरा चरण शुरू, 14 रेलगाड़ियां रद्द, 10 का रूट बदलेगा

मान्यवर राजपुरा-बठिंडा रेलमार्ग के दोहरीकरण की वजह से कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित होगा। अंबाला रेल मंडल से होकर गुजरने वाली ट्रेनों के प्रभावित होने की संभावना है। यही वजह है कि 14 यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया है और 10 ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है।

कम हुई ट्रेनों की रफ्तार, यात्री परेशान
हालांकि प्री-नॉन इंटरलाकिंग तथा नॉन इंटरलाकिंग का कार्य 18 फरवरी को शुरू होना है लेकिन इसकी तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है। इससे ट्रेनों की रफ्तार थमने लगी है। अधिकतर ट्रेनों को अंबाला, राजपुरा और सरहिंद के पास बिना किसी कारण या तो रोका जा रहा है या फिर उनकी रफ्तार कम की जा रही है। इससे यात्री परेशान हो रहे हैं और उनको अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी हो रही है। इससे चंडीगढ़ रूट की ट्रेनों पर भी असर पड़ रहा है। रास्ते में दूसरी ट्रेनें खड़ी होने की वजह से चंडीगढ़ रूट की ट्रेनें बिना किसी कारण के जाम में फंस रही हैं।

   ये ट्रेनें रहेंगी रद्द

ट्रेन नंबर नाम कब से कब तक
14525-14526 अंबाला-श्रीगंगानगर-अंबाला इंटरसिटी 18 से 28 फरवरी
14507-14508 दिल्ली-बठिंडा-दिल्ली एक्सप्रेस 18 से 28 फरवरी
22479-22480 सरबत दा भला एक्सप्रेस 27 फरवरी
22485-22486 नई दिल्ली-मोगा इंटरसिटी 28 फरवरी
04571-04572 धूरी-हिसार/धूरी-सिरसा एक्सप्रेस 25 से 28 फरवरी
04573-04574 सिरसा-लुधियाना/लुधियाना हिसार एक्सप्रेस 25 से 28 फरवरी
04575-04576 हिसार-लुधियाना-हिसार पैसेंजर 25 से 28 फरवरी

इन ट्रेनों का रूट बदला
नॉन इटरलाकिंग के कारण 10 ट्रेनों के रूट बदले गये हैं। इन ट्रेनों में अमृतसर एक्सप्रेस 11057-11058, नांदेड़-जम्मूतवी-नांदेड़ एक्सप्रेस 12751-12752, नांदेड़-श्री गंगानगर-नांदेड़ एक्सप्रेस 12439-12440, नांदेड़-श्री गंगानगर-नांदेड़ एक्सप्रेस 12485-12486 और दिल्ली-बीकानेर-दिल्ली एक्सप्रेस 12455-12456 शामिल हैं। इन ट्रेनों की संख्या मौके पर बढ़ भी सकती है। इसलिए 18 से 28 फरवरी तक ट्रेन में सफर करने से पहले रूट की पूरी जानकारी जरूर हासिल करें।

ट्रेन परिचालन करना होगा आसान
राजपुरा-बठिंडा रेल मार्ग के दोहरीकरण के बाद ट्रेन परिचालन करना काफी आसान हो जाएगा। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी और यात्री कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। ऐसे में यात्रियों के समय की बचत होगी। ट्रेनों को पासिंग के इंतजार में रास्ते में बिना वजह किसी स्टेशन पर नहीं रुकना पड़ेगा। भविष्य में ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और हाई स्पीड ट्रेनें चलाने में आसानी होगी। दूर दराज के क्षेत्रों में तरक्की के रास्ते भी खुलेंगे।