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पंजाब की राजनीति का केंद्र बने चन्नी, स्टेज पर भंगड़े से चौंकाया, CM की ‘महाराजा’ छवि तोड़ी; चुनाव में चेहरा बने तो सिद्धू के पैर छूकर सियासी आशीर्वाद लिया

मान्यवर चन्नी का चमत्कार… ऐसा इसलिए क्योंकि 111 दिन पहले अचानक CM की कुर्सी पाने वाले चरणजीत चन्नी आज पंजाब की राजनीति के केंद्र में हैं। पंजाब का पहला दलित CM बनकर वह इतिहास में दर्ज हो गए। उसके बाद कभी स्टेज पर भंगड़ा तो कभी गोलकीपर बनकर वह सबको चौंकाते रहे। साढ़े 4 साल CM रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह की ‘महाराजा’ छवि को 111 दिन में तोड़ डाला।

सबसे अहम चन्नी सरकार के वह फैसले रहे, जिनकी बदौलत चन्नी घर-घर तक पहुंच गए। चन्नी ने आम आदमी की ऐसी छवि गढ़ी कि विरोधी तक बौखलाकर रह गए। चन्नी के राजनीतिक दांव-पेंच ने कांग्रेस को इतना मजबूर कर दिया कि फायरब्रांड नेता नवजोत सिद्धू दरकिनार हो गए। चन्नी पंजाब में कांग्रेस के ‘सरदार’ बन गए।

पढ़िए… कैसे साधारण चन्नी पंजाब के सियासी दिग्गज बन बैठे

राहुल गांधी के फेवरेट रहे चन्नी

चन्नी कांग्रेस हाईकमान की नजर में अचानक नहीं आए। वह राहुल गांधी के फेवरेट रहे हैं। हालांकि, पंजाब की राजनीति में जट्‌टसिख लॉबी के दबदबे की वजह से वह कभी आगे न आ सके। फिर भी जब मौका मिला राहुल गांधी उन्हें आगे बढ़ाने से नहीं चूके। 2012 में सुनील जाखड़ पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। अचानक गांधी ने 2015 में जाखड़ को हटा चरणजीत चन्नी को विपक्ष का नेता बना दिया। विरोधियों समेत कांग्रेस के लिए भी यह चौंकाने वाला फैसला था।
जाखड़, रंधावा, सिद्धू दावेदार थे, CM की कुर्सी चन्नी को मिली

18 सितंबर को जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को मजबूर होकर इस्तीफा देना पड़ा तो अगले CM की रेस में सबसे आगे सुनील जाखड़ थे। अचानक सिख स्टेट-सिख सीएम का मुद्दा उठा। फिर सुखजिंदर रंधावा और नवजोत सिद्धू के नाम चले। अचानक राहुल गांधी को चन्नी का ख्याल आया। पंजाब में 32% दलित वोट बैंक का गणित भी उनके पक्ष में था। गांधी ने सीधे चन्नी को फोन मिलाया और कहा कि आप पंजाब के अगले CM बन रहे हैं।
पहले CM की VIP इमेज तोड़ी

चन्नी CM बने तो सबसे बड़ी चुनौती कैप्टन की महाराजा छवि तोड़ने की थी। चन्नी पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (PTU) कपूरथला के एक कार्यक्रम में गए और स्टेज पर भंगड़ा करने लगे। फिर VIP सिक्योरिटी कम करवा दी। अचानक सिक्योरिटी को किनारे कर लोगों से मिलने लगे। अचानक गोलकीपर बनकर हॉकी खेलने लगे। घर के बाहर आधी रात तक लोगों की फरियाद सुनने लगे। बुजुर्गों के पैर छूने लगे। उनके गले लगने लगे। यहां तक कि दीवाली की रात बेघर लोगों के यहां पहुंचकर दिए जगा दिए। कभी बच्चों को सरकारी हेलिकॉप्टर में घुमाकर सबको चौंका दिया। धीरे-धीरे चन्नी ने CM की छवि को ऐसा बना दिया, जिसने कैप्टन के उलट कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना दिया।

ताबड़तोड़ लोगों से जुड़े फैसले लिए, खुद को उनसे जोड़ते चले गए

चन्नी ने CM की कुर्सी संभाली तो 100 दिन में ही 100 फैसले निपटा डाले। इसमें पानी-बिजली बिल माफी, सस्ता पेट्रोल-डीजल, बेघर लोगों को जमीन का मालिकाना हक जैसे कई ऐसे फैसले थे, जो सीधे जनता से जुड़े थे। सरकार के अंतिम दिनों में सभी CM ऐसा करते हैं लेकिन खास बात यह थी कि चन्नी खुद को गरीब बताते हुए इन फैसलों से जोड़ते जा रहे थे। चन्नी ने कभी टैंट वाला तो कभी गाय का दूध निकालने की बात कहकर अपनी आम आदमी की छवि को मजबूत कर दिया।

सिद्धू मखौल उड़ाते गए, चन्नी चुप रहे

नवजोत सिद्धू के मामले में चन्नी ने जो संयम दिखाया, उसने भी कांग्रेस हाईकमान को प्रभावित किया। सिद्धू लगातार उनके फैसलों पर सवाल उठाते रहे। सार्वजनिक तौर पर कमजोर बताते रहे। इसके उलट चन्नी ने कभी सिद्धू के खिलाफ कुछ नहीं कहा। यह उनकी सियासी समझ थी कि वह जब भी सिद्धू से जुड़ा सवाल हुआ तो उन्होंने संयमित तरीके से जवाब दिया। कभी उनकी आलोचना नहीं की। वह उलझने के बजाय अपने काम में लगे रहे।

PM सुरक्षा चूक पर दिखाई राजनीतिक चतुराई

PM नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक का मामला उठा तो चन्नी डिफेंसिव की जगह अटैकिंग रुख में दिखे। सफाई देने की जगह उन्होंने कुछ ही मिनट में इसे पंजाब से जोड़ दिया। बोले कि वह पंजाब के किसानों पर लाठी-गोली नहीं चला सकते थे। फिर पंजाब और पंजाबियों को बदनाम न करने को कहा। यही नहीं रैली में कहा कि अगर PM की सुरक्षा को खतरा होता तो पहली गोली वह खुद खाते। चन्नी का यह जवाब पंजाबियों को खूब रास आया और सोशल मीडिया पर वह ट्रेंड करने लगे।

और अंत में… कांग्रेस ने जिसे ट्रंप कार्ड समझा, उसे मजबूरी बना दिया

कांग्रेस ने सितंबर 2021 में पंजाब में पहला दलित CM बना ट्रंप कार्ड फेंका। तब किसी को उम्मीद नहीं थी कि चन्नी एकदम से कांग्रेस के सरदार बन जाएंगे, लेकिन खुद चन्नी ने इसे संभव बनाया। चन्नी ने अपने फैसले, व्यवहार और अनुभव से सियासी लकीर खींचते चले गए। चन्नी दलित CM से आगे बढ़कर आम आदमी और खासकर गरीब तबके के आगे इमेज चमकाते चले गए। यही वजह है कि चुनाव से ऐन पहले सिद्धू की CM चेहरा बनने की हसरत से लेकर पंजाब मॉडल धरा रह गया।