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सांसदों के निलबंन को रद्द करने को लेकर , लगातार बढ़ रहा विपक्ष का विरोध

मान्यवर:-सांसदों के निलबंन को रद करने को लेकर विपक्ष का विरोध लगातार बढ़ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी विपक्ष द्वारा आयोजित विजय चौक मार्च में शामिल हुए। राहुल ने कहा कि 12 सांसदों का निलंबन भारत की जनता की आवाज को कुचलने का प्रतीक है। उनकी आवाज दबा दी गई। सभी सांसदों का बचाव करते हुए राहुल ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। हमें संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

इसके साथ ही राहुल ने कहा, ‘हंगामे के बीच संसद में बिलों के बाद बिल पास हो रहे हैं। यह संसद चलाने का तरीका नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नहीं आते हैं। हमें राष्ट्रीय महत्व के किसी भी मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं है। यह लोकतंत्र की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या है।

संसद में 12 सांसदों के निलंबन को रद करने की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्ष की नारेबाजी के बीच राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सभापति.एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में शालीनता और मर्यादा बनाए रखें। अनियंत्रित और असंसदीय व्यवहार बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा।

बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र में निलंबित हुए 12 सांसदों का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। विपक्षी दलों ने आज सांसदों के न‍िलंबन के विरोध में मार्च निकालने की घोषणा की है। दोनों सदनों के विपक्षी सदस्य संसद भवन परिसर से विजय चौक तक मार्च करेंगे। इससे पहले आज संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के फ्लोर नेताओं ने राज्यसभा में एलओपी के कार्यालय में बैठक की। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने 12 सांसदों के निलंबन को रद करने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए रणनीति पर चर्चा की।

बता दें कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। मानसून सत्र में इन सांसदों ने अशोभनीय आचरण किया था। सदन के अंदर तोड़फोड़ आसन पर पेपर फेंकने टेबल पर चढ़कर डांस करने और मार्शल के साथ अभद्रता के इन पर आरोप थे। पूरी छानबीन के बाद शीतकालीन सत्र के पहले दिन यह कार्रवाई हुई है। इस कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने आक्रामक तेवर अख्तियार कर लिए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि हम इस कदम की निंदा करते हैं।

जिन 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सदन से निलंबित किया गया है, उनमें माकपा के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भाकपा के विनय विस्वम शामिल हैं।

सांसदों को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड करने पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह लोकतंत्र विरोधी कदम है और सरकार सांसदों में डर पैदा करने के लिए ये कदम उठाई है। डराना-धमकाना उनकी अदत बन गई है। सरकार ने 12 सांसदों पर एक्शन लेने के लिए जो रेजोल्यूशन मूव किया है ये पूरी तरह गलत है। यह लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश है। हम इसकी निंदा करते हैं और इस पर सभी विपक्षी पार्टी सहमत है।