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केंद्र-किसान संगठनों के बीच , मृत किसानों के मुआवजे पर बनी सहमति

मान्यवर:-किसानों का आंदोलन  अब बहुत जल्द खत्म हो सकता है | बताया जा रहा है कि सरकार ने किसानों की लगभग सभी मांगों को मान लिया है जिसके बाद अब किसान आंदोलन खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं | बताया जा रहा है कि कल यानी बुधवार दोपहर 2 बजे दोबारा संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसमें आदोलन को लेकर फैसला लिया जाएगा |

इससे पहले मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया गया था कि सरकार ने विरोध कर रहे किसानों को लिखित आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों – को पूरा किया जाएगा | इसमें एमएसपी की गारंटी भी शामिल है |

किसानों को लिखे अपने पत्र में, सरकार ने कहा कि वह एमएसपी पर एक समिति बनाएगी और पराली जलाने सहित सभी पुलिस मामलों को हटा दिया जाएगा. इसके बाद किसानों ने बैठक में प्रस्ताव पर चर्चा की | कई मुद्दों पर सहमति बनने के बाद अब कल दोबारा किसानों की एक बैठक होगी जिसमें आदोलन को लेकर फैसला किया जाएगा |

दरअसल किसान एमएसपी पर कानून गारंटी, किसानों पर मुकदमों की वापसी और किसान आंदोलन के दौरान शहीद किसानों को मुआवजा देने की मांग पर लिखित आश्वासन की मांग कर रहे थे. इसके बाद किसानों को केंद्र सरकार ने एक चिट्टी लिखी थी | इसकी जानकारी किसान नेता राकेश टिकैत ने दी थी | किसान मोर्चा के अध्‍यक्ष राकेश टिकैत ने कहा था कि, केंद्र सरकार से एक चिठ्ठी मिली है | हालांकि चिट्टी में क्‍या है इस बात को लेकर राकेश टिकैत ने साफ नहीं किया था |  वहीं अब सरकार के पत्र के कुछ मुख्य बिंदू सामने आए हैं |

सरकार के पत्र के मुख्य बिंदू:-

1. सरकार MSP की गारंटी पर कमेटी बनाएगी, जिसमें किसान नेता भी होंगे. पीएम मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक समिति बनाने की घोषणा की है. इस समिति में केंद्र सरकार, राज्य और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कृषि वैज्ञानिक शामिल होंगे | वहीं किसान प्रतिनिधि में एसकेएम के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे |

2. वहीं आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और हरियाणा सरकार ने आंदोलन वापस लेने के बाद दर्ज मामलों को वापस लेने पर सहमति जताई है | पंजाब सरकार की ओर से भी इस पर ऐलान कर दिया गया है |

3. मुआवजे को लेकर भी हरियाणा और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है | वहीं पंजाब सरकार ने भी इसे लेकर घोषणा कर दी है |

4.इलेक्ट्रिसिटी बिल की बात करें तो संसद में पेश करने से पहले सभी स्टेकहोल्डर्स के अभिप्राय लिए जाएंगे |

5. जहां तक पराली जलाने के मुद्दे की बात है तो भारत सरकार ने जो कानून पारित किया है उसकी धारा 14 और 15 में क्रिमिनल लाइबिलिटी से किसान को मुक्ति दी है |