मान्यवर:-तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के केंद्र के फैसले के बाद हरियाणा में 45 हजार किसानों पर दर्ज 200 एफआईआर पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। हरियाणा सरकार इस मामले में केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद ही कोई फैसला लेगी।
एक दिन पहले ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर इस मामले को राज्यों का अधीन क्षेत्र बताकर राज्यों पर ही फैसला लेने की बात कह चुके हैं। सूबे के मुख्यमंत्री ने मनोहर लाल ने रविवार को यह स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में जब आंदोलन अंतिम दौर में होगा, तो केंद्र के निर्देश पर सरकार फैसला लेगी।
किसान आंदोलन और एमएसपी को लेकर कानून के सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि पीएम समेत वह खुद भी किसानों से घर लौटने का आह्वान कर चुके हैं, जहां तक एमएसपी की बात है तो दिल्ली में पीएम से उनकी मुलाकात एमएसपी को लेकर नहीं हुई थी। इसके लिए पहले ही कहा जा चुका है कि एक कमेटी बनेगी, जिसमें केंद्रीय कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, किसान यूनियन के सदस्य, आंदोलन कर रहे नेता और प्रदेश के भी कुछ प्रतिनिधि होंगे। कमेटी एमएसपी पर विचार करेगी और फैसला देगी।
हरियाणा में किसानों पर देशद्रोह से लेकर हत्या के प्रयास तक की गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं। कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, हांसी, हिसार और सिरसा समेत कई शहरों में केस दर्ज हैं। करनाल में किसानों पर दो बार लाठीचार्ज भी हो चुका है, इसकी आयोग जांच कर रही है। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि इन केसों को वापस लिया जाए।