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पंजाब पुलिस में , तैनात हवलदार की एटीएस टावर की 26वीं मंजिल से ; अचानक नीचे गिर जाने से हुई मौत

मान्यवर:-पंजाब पुलिस में तैनात एक हवलदार की एटीएस टावर की 26वीं मंजिल से अचानक नीचे गिर जाने से मौत का मामला सामने आया है। मृतक की पहचान 37 वर्षीय अजय शर्मा के रूप में हुई है। अंदेशा जताया जा रहा है कि हवलदार ने आत्महत्या की है। हालांकि बलौंगी थाने के एसएचओ ने बताया कि अजय शर्मा की अचानक बिल्डिंग से नीचे गिरने के कारण मौत हुई है। पूछताछ में आत्महत्या करने की कोई बात सामने नहीं आई है। उन्होंने मृतक के भाई अंकुश शर्मा के बयान पर धारा 174 की कार्रवाई की है। साथ ही विसरे को जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है।

पुलिस के मुताबिक अजय शर्मा एसटीएफ में तैनात था और वह खरड़ में रहता था। पता चला है कि कुछ समय से मानसिक तौर पर परेशान चल रहा था। इसी बीच वह एटीएस टावर की 26वीं मंजिल से नीचे गिर गया। नीचे गिरते ही वह लहूलुहान हो गया था। सूचना मिलते ही बलौंगी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और उसे सीधे सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस सोसाइटी में लगे कैमरों को भी खंगाल रही है। पुलिस ने मृतक के छोटे भाई अंकुश से पूछताछ की तो आत्महत्या करने का मामला सामने नहीं आया है और पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

 चंडीगढ़ पीजीआई की एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने मंगलवार आधी रात के बाद आत्महत्या की कोशिश की। गनीमत रही कि समय रहते इसकी जानकारी पीजीआई प्रशासन को मिल गई। इसके बाद महिमा डॉक्टर की काउंसिलिंग कराई गई और आनन-फानन उन्हें वरिष्ठ सहयोगियों के साथ लखनऊ स्थित उनके घर भेज दिया गया। बताया जाता है कि महिला डॉक्टर ने काम के दबाव में यह कदम उठाया, हालांकि पीजीआई प्रशासन ने इस पर चुप्पी साध रखी है। इस घटना से एक बार फिर पीजीआई में रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम के बोझ और तनावग्रस्त होने का मामला चर्चा में आ गया है।

जानकारी के अनुसार, महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने मंगलवार देर रात करीब एक बजे कैरों हॉस्टल स्थित अपने रूम में आत्महत्या के लिए खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने जैसे-तैसे उन्हें रोका और अधिकारियों को सूचना दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पीजीआई प्रशासन ने डॉक्टर की काउंसिलिंग कराई और दो वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ हवाई मार्ग उन्हें लखनऊ स्थित घर भेज दिया। महिला रेजिडेंट डॉक्टर बुधवार रात अपने घर पहुंच गई हैं।

बताया जा रहा है कि महिला डॉक्टर काम के दबाव से पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए इंजेक्शन लेती थीं। मंगलवार शाम भी ड्यूटी के दौरान वह किसी को सूचना दिए बिना गायब हो गईं। उनकी स्थिति को देखते हुए सहयोगियों ने सुरक्षाकर्मियों को सूचना दी। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तलाश कर वापस ड्यूटी पर भेजा। इसके बाद से डॉक्टर की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी।

इसी वजह से उनके आत्महत्या के प्रयास को रोका जा सका। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि काम के दबाव से यहां हर व्यक्ति तनाव में है, लेकिन पीजीआई प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा। काम के दबाव के चलते पीजीआई में पिछले कुछ महीनों के दौरान दो रेजिडेंट डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें से न्यूरो सर्जरी विभाग के ही सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर संदीप यादव ने अप्रैल 2021 और पल्मोनरी मेडिसिन की सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अभिनंदया मुखोपाध्याय ने जुलाई में इस्तीफा दिया था।