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2013 पटना गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट में , 4 को मौत की सजा ; 2 को आजीवन कारावास

मान्यवर:-2013 पटना के गांधी मैदान सीरियल धमाके के मामले में एनआईए कोर्ट ने दोषियों की सजा का एलान कर दिया। कुल नौ दोषियों में से चार को फांसी की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा दो दोषियों को उम्रकैद, दो को 10 साल की सजा और एक दोषी को सात साल की सजा सुनाई गई है। 2013 में पीएम मोदी की रैली के दौरान सिलसिलेवार धमाके किए गए थे।

27 अक्तूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली होनी थी। लेकिन इससे पहले ही पटना बम धमाकों की गूंज से दहल उठा। मोदी के रैली स्थल पर पहुंचने से पहले ही गांधी मैदान समेत पटना में एक के बाद एक आठ धमाके हुए, जिसमें छह लोगों की जान चली गई और 83 से अधिक लोग घायल हो गए।

आठ में से दो धमाके रैली खत्म होने के बाद सुरक्षा जांच के दौरान हुए। धमाकों के लिए कम शक्तिशाली बम का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन इसकी वीभत्सता और भयावह हो सकती थी, क्योंकि बिहार के विभिन्न इलाकों से आए लोगों से खचाखच भरे गांधी मैदान के आसपास हुए धमाकों की खबर से भगदड़ मचने की आशंका थी।

धमाकों के दौरान मंच पर मौजूद भाजपा नेता इसे आतिशबाजी बताते रहे। उन्हें भी धमाकों की सच्चाई का पता नहीं था, लेकिन उनकी इन बातों ने रैली में भगदड़ मचने से जरूर बचा लिया था। खुद नरेंद्र मोदी को अपने भाषण के अंत में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करनी पड़ी थी।

लोकसभा चुनाव के लिए गांधी मैदान में हुंकार भरने आए नरेंद्र मोदी के रैली में पहुंचने से पहले धमाके हो चुके थे। पहला धमाका गांधी मैदान के पास ठीक 11.45 बजे हुआ। तब शाहनवाज हुसैन मंच से भाषण दे रहे थे। धमाके के बाद जब भीड़ में अफरातरफी मचने की नौबत आई तो शाहनवाज ने कहा कि टायर फटा है। चिंता की कोई बात नहीं। दूसरी बार 12.10 पर लगातार दो धमाके हुए। तब सुशील मोदी बोल रहे थे।

एक धमाका पत्रकारों की गैलरी के ठीक पीछे हुआ था। तब सुशील मोदी ने लोगों से कहा कि वे पटाखे न फोड़ें। भाजपा नेताओं की इस तरह की बातों से लोग यह मानकर चल रहे थे कि नरेंद्र मोदी के पटना आने की खुशी में कार्यकर्ता आतिशबाजी कर रहे हैं, लेकिन मामला जल्द सामने आ गया कि ये एक आतंकी हमला था।