जालंधर(मान्यवर):-प्रेमचंद मारकंडा एस.डी. महिला कॉलेज, जालंधर में भारतीय शिक्षण मंडल पंजाब के सहयोग से ‘भारत, भारतीय एवम भारतीय संस्कृति: युवाओं के लिए एक संदेश’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। समारोह की शुरुआत संस्था की सदियों पुरानी परंपरा को बनाए रखते हुए दीप प्रज्ज्वलन और देवी सरस्वती के आह्वान के साथ हुई। ज्ञान और प्रकाश का प्रसार करने और दुनिया में निरक्षरता और अज्ञानता को मिटाने के लिए भारतीय शिक्षण मंडल गीत भी गाए गए।
डॉ. (श्रीमती) किरण अरोड़ा (डीएसएसडी शिक्षा बोर्ड की सालाहकार) एवम कॉलेज के प्राचार्य डा. श्रीमती पूजा पराशर द्वारा अतिथियों का पुष्पों के साथ स्वागत किया। श्री मुकुल कानिटकर जी (आयोजन मंत्री, भारतीय शिक्षण मंडल) कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्थापित करने में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने शैक्षिक सरंचना पर अपनी चिंताओ को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया की इसे बेहतर बनाने के लिए कैसे संशोधित किया जा सकता है।
सत्र शुरू होने से पहले एक कांफ्रेंस आयोजित की गई जिसमे उन्होंने युवाओं, ब्रेन ड्रेन और रोजगार से संबंधित मुद्दों को संबोधित संबोधित किया। उन्होंने अपने मिशन के उद्देश्यों के साथ श्रोताओं को परिचित करवाया । उन्होंने एक बहुत ही ज्ञानवर्धक प्रवचन दिया जिसमें वे हमें हमारे राष्ट्र की विरासत में वापस ले गए और बताया कि कैसे ‘भारत’ ने समय के साथ अंग्रेजों द्वारा ‘भारत’ की उपाधि धारण की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारे राष्ट्र को ‘भारत’ के रूप में संबोधित किया जाना चाहिए क्योंकि यह बलिदान और अथक श्रम का अवतार है। यह वास्तव में मानवता की निःस्वार्थ सेवा है जो लंबे समय में स्वयं का भला करती है।
संस्थान ने श्री मुकुल जी के परोपकारी व्यक्तित्व के प्रति अत्यंत ऋणी महसूस किया जिन्होंने हमारी छात्राओं को अपने ज्ञानवर्धक विचारो से अवगत करवाया। वक्ता के अलावा, श्री प्रमोद जी (क्षत्रिय समरस्थान प्रमुख), श्री रमेश शर्मा (भाजपा के पूर्व अध्यक्ष, जालंधर), श्री दविंदर जी (अध्यक्ष, विधि विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़) श्री नितेश जी (प्राचार्य, भारतीय शिक्षण मंडल), डॉ. विनय शर्मा (प्राचार्य, डीएवी कॉलेज, होशियारपुर), श्री उद्यान जी (प्राचार्य, गुरुकुल, करतारपुर), श्री प्रदीप (द ट्रिब्यूट, चंडीगढ़), श्री पंकज नफरे और श्री अशोक जी भी उपस्थित थे। प्रबंधक समिति के सदस्यों एवं प्राचार्य ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।