मान्यवर:-पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब की सियासत में आज अपने अगले कदम के बारे में बड़ी घोषणा कर सकते हैं। बुधवार को वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि इस मौके पर वे अरूसा आलम, बीएसएफ और कृषि कानून जैसे गंभीर मुद्दों पर भी कड़ी प्रतिक्रिया देंगे। उनकी इस घोषणा से पंजाब कांग्रेस में भी हल-चल तेज हो गई है। आलाकमान सहित कई दिग्गजों ने विधायकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।
इस बीच कैप्टन के करीबी सांसद जसबीर सिंह डिंपा ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने संकेत दिए हैं कि कैप्टन की नई पार्टी के नाम में कांग्रेस का नाम शामिल होगा। जिस प्रकार ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी बनाई है, उसी प्रकार से कैप्टन भी अपनी पार्टी के नाम में कांग्रेस शब्द को शामिल करेंगे। बताया जा रहा है कि नई पार्टी के गठन के मौके पर 10 से अधिक कांग्रेस के विधायक भी कैप्टन के साथ मंच साझा करेंगे, जिसमें उनकी पत्नी सांसद परनीत कौर भी शामिल हो सकती हैं।
52 वर्ष के राजनीतिक सफर में 79 वर्षीय कैप्टन के लिए यह दूसरा मौका होगा, जब वह अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे। 1992 में शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (पंथक) पार्टी का गठन किया था। हालांकि वह इसमें सफल नहीं हो पाए, 1998 के चुनाव में दो सीटों पटियाला और तलवंडी साबो पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने वापस कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी।
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट किया कि अब पटियाला और अन्य स्थानों पर मेरे समर्थकों को धमकाने और परेशान करने का सहारा लिया जा रहा है। मैं अपने विरोधियों से कहना चाहता हूं कि वे मुझे इतने निचले स्तर के राजनीतिक खेल से नहीं हरा सकते। इस तरह के कदमों से न तो वोट जीत पाएंगे और न ही लोगों का दिल। उन्होंने कहा है कि वह इस तरह की हरकतों से नहीं डरते।
हर किसी को अपने फैसले लेने का अधिकार है। कैप्टन साहब अपनी मर्जी से पार्टी बना सकते हैं लेकिन ऐसा करने में वह एक बड़ी गलती करेंगे।