मान्यवर:-बिजली विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद बिजली चोरी नहीं रुक पा रही है। दो दिनों तक चले चेकिंग अभियान में 16.81 प्रतिशत उपभोक्ता बिजली चोरी करते पाए गए। निगमों की 978 टीमों ने 22183 स्थानों पर चेकिंग की, जिसमें से 3729 स्थानों पर चोरी पकड़ी। 7704 किलोवाट बिजली चोरी करने वालों पर 13 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना किया गया है। जुर्माना जमा नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं पर एफआईआर कराई जाएगी।
सोमवार और मंगलवार को छापा मारने से पहले विभाग ने उन उपभोक्ताओं की लिस्ट तैयार की जहां पर बिजली चोरी की आशंका थी। चेकिंग अभियान में इंडस्ट्रियल, कॉमर्शियल और घरेलू उपभोक्ता निशाने पर रहे। कई स्थानों पर डायरेक्ट बिजली चोरी मिली तो काफी स्थानों पर सैंक्शन लोड से अधिक का उपयोग मिला। यूएचबीवीएन के जिलों में 14696 कनेक्शन चेक किए, जबकि 1593 स्थानों पर चोरी पकड़ी। इसके बदले में 327 लाख जुर्माना किया। वहीं, डीएचबीवीएन ने 2136 स्थानों पर चोरी पकड़ी और 738 लाख रुपये जुर्माना किया।
एनसीआर के जिलों में गुरुग्राम और फरीदाबाद में सबसे अधिक जुर्माना किया गया है। गुरुग्राम में 3 करोड़, फरीदाबाद में 1.36 करोड़, पानीपत में 1 करोड़, कैथल 91 लाख जुर्माना किया गया। यहां पर कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल उपभोक्ता चोरी करते पकड़े गए। वहीं, सबसे अधिक चोरी के मामले हिसार में 385, भिवानी 371, पलवल में 265, पानीपत में 257 मामले पकड़े गए। सबसे कम मामले पंचकूला में 47 और सिरसा में 78 मिले।
एसीएस पीके दास ने बताया कि इस समय प्रदेश में कोयला आपूर्ति सुचारू हो गई है। रोजाना 12 रैक कोयला आने लगा है, जिससे अब फिर से प्लांटों से कोयला स्टॉक किया जाने लगा है। मौसम में ठंडक होने से बिजली की मांग कम हो गई है। अब रोजाना 12 करोड़ यूनिट सप्लाई की जा रही है और बिजली की कोई कमी नहीं है। अडानी की ओर से अभी भी बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है। प्रदेश के हिसार, यमुनानगर और पानीपत थर्मलों से बिजली उत्पादन जारी है।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि अगर उनका लोड अधिक है, तो इसे बढ़वा लें। बिजली चोरी की आदत छोड़ दें, क्योंकि ये किसी भी सूरत में चलने वाली नहीं है। चोरी पकड़ने के विशेष अभियान लगातार जारी रहेंगे। अगर चोरी कराने के मामले में कोई बिजली अधिकारी व कर्मचारी शामिल मिला तो उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।