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रोहतक जिले के रिठाल गांव के जगदीश हत्याकांड में , कोर्ट ने दो महिलाओं समेत चार लोगों को सुनाई उम्रकैद की सज़ा

मान्यवर:-रोहतक जिले के रिठाल गांव के जगदीश हत्याकांड में एएसजे राकेश सिंह की कोर्ट ने दो महिलाओं सहित चार आरोपियों को उम्रकैद व साढ़े 4 लाख रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत 31 अक्तूबर से पहले केस का निपटारा करते हुए अदालत ने शुक्रवार को दोषी महिला रिठाल गांव निवासी संतोष व हिसार के नायकहेड़ी निवासी सपना पर तीन लाख रुपये जुर्माना लगाया। जींद के दो युवकों पर एक लाख 60 हजार रुपये जुर्माना किया गया है। जुर्माने की राशि में से 3 लाख 80 हजार रुपये पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे।

अधिवक्ता सुशील पांचाल ने बताया कि रिठाल गांव निवासी राजेंद्र ने जुलाई 2016 में सदर थाने में शिकायत दी थी कि उसका छोटा भाई जगदीश (30) लाढ़ौत रोड स्थित रोड़ी-क्रशर के प्लांट पर ट्रैक्टर चलाता था। वह घर से प्लांट पर गया, लेकिन लौटा नहीं। सदर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया था। बाद में प्लांट के चौकीदार ने बताया कि जगदीश प्लांट से संतोष नाम की महिला के घर गया था। पुलिस अभी मामले की जांच कर रही थी कि जगदीश का शव नहर में गली-सड़ी हालत में मिल गया।

कपड़ों से मृतक की शनाख्त हुई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संतोष व सपना को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही पूछताछ के बाद जींद के दो लोगों को काबू किया, जिनकी उम्र उस समय 16 से 18 साल के बीच थी। दोनों को पहले जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया। बाद में उनको बालिग मानकर हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। तभी से जिला अदालत में केस की सुनवाई चल रही थी। शुक्रवार को कोर्ट ने चारों को दोषी मानते हुए उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई। वकील ने बताया कि आरोपी वारदात के बाद से जेल में थे। नियमों के अनुसार अगर पांच साल बाद भी केस का निपटारा नहीं होता है, तो आरोपी को जमानत मिल जाती है।

इसके लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई थी। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को 31 अक्तूबर तक केस का निपटारा करने का निर्देश दिया था। इसके चलते सितंबर व अक्तूबर माह में लगातार केस की सुनवाई चली। कई बार एक-एक सप्ताह की ही तारीख दी गई। मामले के अनुसार दोषी संतोष ने पुलिस के सामने खुलासा किया था कि वह हिसार के नायकहेड़ी गांव निवासी सपना को बेटी की तरह मानती थी। 3 जुलाई को सपना उसके पास पैसे की मदद मांगने आई थी। मामले के अनुसार दोषी संतोष ने पुलिस के सामने खुलासा किया था कि वह हिसार के नायकहेड़ी गांव निवासी सपना को बेटी की तरह मानती थी। 3 जुलाई को सपना उसके पास पैसे की मदद मांगने आई थी। इसी बीच उसने रिठाल निवासी जगदीश को घर बुला लिया।

जगदीश अपने पैसे वापस लेने के लिए दबाव बना रहा था। तय हुआ कि जगदीश का काम तमाम कर दिया जाए। षड्यंत्र के तहत जगदीश को वे गाड़ी में बैठाकर जींद ले गए। वहां पर चाय में नशीला पदार्थ पिलाकर उसे बेहोश कर दिया। इसके बाद हत्या करने के इरादे से नरवाना व उचाना के एरिया में घुमाते रहे, लेकिन मौका नहीं मिल सका। इस कारण वापस रोहतक आ गए। इसके बाद कपड़े से जगदीश का गला घोंट दिया। साथ ही शव को बाइक सहित नहर में फेंक दिया। वहीं, इस मामले में बचाव पक्ष के वकील सुशील पांचाल ने बताया कि अदालत का फैसला आ गया है। दो महिलाओं सहित चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई है। तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी जाएगी।