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दिल्ली स्थित यूपी भवन पर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ , एफआईआर दर्ज

मान्यवर:-उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर दिल्ली स्थित यूपी भवन पर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। चाणक्य पूरी थाने में दो एफआईआर दर्ज हुई है। एक युवा कांग्रेस के खिलाफ और दूसरी अन्य संगठनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।  पिछले 10 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध दर्ज कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को उत्तर प्रदेश भवन के बाहर अलग-अलग राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। लखीमपुर खीरी में चार किसानों की मौत के खिलाफ नारेबाजी की। उधर, हालात बिगड़ता देख पुलिस ने करीब 95 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।

दोपहर 12 बजे से करीब डेढ़ घंटे के दौरान इंडियन यूथ कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल और वामपंथी दलों के युवा कार्यकर्ताओं ने सरदार पटेल मार्ग स्थित भवन के बाहर विरोध जताते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री सहित इस घटना के लिए जिम्मेवार लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। उत्तर प्रदेश भवन के बाहर पुलिस की भारी बैरिकेडिंग के नजदीक प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लखीमपुरी खीरी में हुई घटना के सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। सरदार पटेल मार्ग स्थित उत्तर प्रदेश भवन के बाहर सुबह से ही सर्विस रोड पर दोनों तरफ से बैरिकेडिंग कर दी थी। सिर पर टोपी लगाकर सबसे पहले राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता पहुंचे और इस घटना पर रोष जताते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

घटना में मृत हुए किसानों के समर्थन में विरोध जता रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए धारा 144 लागू होने की चेतावनी दी। फिर भी वहां से कार्यकर्ताओं के नहीं हटने पर उन्हें हिरासत में लेकर बसों में बिठाया गया। इसके बाद भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध जताना शुरू कर दिया, पुलिस ने उन्हें शांत करने की काफी कोशिश की, लेकिन नहीं माने। यूथ कांग्रेस के राहुल राव ने कहा कि लखीमपुरी खीरी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के लिए जा रही प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया। इस घटना की निंदा करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।

उत्तर प्रदेश भवन के बाहर वामपंथी दलों के समर्थकों ने भी झंडे और पोस्टर के साथ इस घटना पर रोष प्रकट किया। पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और सभी को मंदिर मार्ग थाना ले जाया गया। कार्यकर्ताओं को हिरासत में बसों में ले जाने तक पुलिस को काफी मशक्कत हुई, बावजूद इसके प्रदर्शनकारी सड़कों पर लेट गए। पुलिस को इस दौरान हल्का बल भी प्रयोग करना पड़ा। नाराज किसानों ने आंदोलन मंच के सामने हर-हर महादेव, अल्लाह हू अकबर, बोले सो निहाल सत, श्री अकाल जैसे धार्मिक उद्धोष के साथ मृतक किसानों के परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।

सुबह करीब नौ बजे यूपी गेट आंदोलन स्थल से कई किसान गाजियाबाद में कलक्ट्रेट का घेराव करने के लिए रवाना हो गए। सबसे पहले वह रहीसपुर में भाकियू पदाधिकारियों से मिले। इसके बाद सभी एकत्रित हुए और कलक्ट्रेट के लिए कूच कर गए। इस बीच यूपी गेट पर भी बुजुर्ग और युवा किसानों के बीच माहौल गर्म हो गया। मंच के सामने बैठे आंदोलनकारी किसानों ने लखीमपुर घटना को लेकर सरकार की निंदा की। भाकियू का कहना है कि जब तक घायल और मृतक किसानों के परिजन सरकार की कार्रवाई से संतुष्टि नहीं होंगे। तब तक लड़ाई जारी रहेगी। भाकियू जिला अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों पर गाड़ी किसके इशारे पर चढ़ाई गई।