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यहाँ नकली गुटखा बनाने की फैक्टरी का , पुलिस ने किया भंडाफोड़ ; पढ़े

मान्यवर:-जोगीनवादा में अनिल शर्मा के घर चल रही नकली गुटखा बनाने की फैक्टरी का बारादरी पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया। देर रात उसके घर में दबिश देकर पुलिस ने हजारों पैकेट नकली गुटखा, पैकिंग की मशीनें और कच्चा माल बरामद हुआ है। मकान मालिक को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इंस्पेक्टर नीरज मलिक ने बताया कि शुक्रवार देर रात जोगीनवादा में महंत की चक्की के सामने वाली गली में गगन कंपनी का नकली गुटखा बनाने की सूचना मिली।

यह सूचना गगन गुटखा के स्टॉकिस्ट अमित भारद्वाज ने दी थी। उनकी सूचना पर फोर्स के साथ घेराबंदी कर उन्होंने अनिल शर्मा के मकान में दबिश दी तो वहां एक कमरे में अनिल शर्मा एक मशीन के जरिये कच्चे माल को गगन गुटखा के कागज में पैक करके पैकेट बना रहा था। मौके से चार बोरों में गगन गुटखा के हजारों पैकेट, दो बोरो में कच्चा माल और तमाम रैपर बरामद हुए। इसके बाद उसके घर की दूसरी मंजिल पर बने कमरे से भी दो मशीनें बरामद हुईं। पुलिस की पूछताछ में अनिल शर्मा की पत्नी संजना ने बताया कि संजयनगर में रहने वाले एक व्यक्ति ने उनके यहां पार्टनरशिप में मशीन लगाई थी।

उसने एक पैकेट पर एक रुपये मुनाफा देने की बात कही थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि अनिल शर्मा हर घंटे करीब 3000 पैकेट नकली गुटखा वहां बना रहा था। इससे उसका हर दिन का कई हजार रुपये का सीधा मुनाफा था। पुलिस ने उसके पार्टनर के घर दबिश दी लेकिन वह फरार मिला। पिछले साल भी बारादरी पुलिस ने नकली गुटखा बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़ किया था। इसमें संजयनगर में रहने वाले दो भाइयों का नाम सामने आया था। उनमें से एक को मौके से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जिसकी हाईकोर्ट से जमानत हुई लेकिन उसका दूसरा भाई अभी तक फरार है।

वही दोनों भाई अनिल शर्मा के साथ नकली गुटखा बनाने की फैक्टरी चला रहे थे। लोगों ने बताया कि गुटखा पैकिंग मशीन चलाने के लिए अनिल शर्मा ने एक ऑपरेटर भी रखा था लेकिन पुलिस की दबिश से पहले ही वह भाग निकला। कानपुर से आता था कच्चा माल, कई जिलों में होती थी गुटखा की सप्लाई पुलिस की पूछताछ में अनिल शर्मा ने बताया है कि वह नकली गुटखा बनाने के लिए तंबाकू और रैपर समेत अन्य कच्चा माल कानपुर से मंगाता था। यहां गुटखा तैयार करने के बाद एजेंट्स के जरिये बरेली समेत आसपास के कई जिलों में उसे सप्लाई किया जाता था।

असली के मुकाबले कुछ सस्ता देने की वजह से दुकानदार भी उसका माल खूब खपाते थे। उसका कहना है कि उसने कुछ दिन पहले ही यह काम शुरू किया है। मगर पुलिस का कहना है कि वह लंबे समय से यह काम कर रहा है। पड़ोस में रहने वाले डॉ. हरीओम शर्मा ने बताया कि तीन साल पहले तक अनिल शर्मा सोया, चिप्स आदि की पैकिंग का काम करता था। मगर लॉकडाउन में यह धंधा बंद हुआ तो उसने यह काम शुरू कर दिया। उन लोगों को कुछ गड़बड़ होने का शक था लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। पूरे दिन ही उसके घर से बोरों में गुटखा पैक होकर लोडर वाहनों से बाहर भेजा जाता था।