मान्यवर:-पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को पंजाबी गायक गुरदास मान को सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में अंतरिम जमानत दे दी है | मान ने जालंधर की एक अदालत के उस आदेश के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसमें उनकी अग्रिम जमानत रद्द कर दी गई थी |
मान पर जालंधर की नकोदर पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला दर्ज किया था | माफी मांगने के बावजूद उन पर मामला दर्ज किया गया था | हाईकोर्ट में दायर अग्रिम जमानत याचिका में मान के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा, अधिवक्ता अर्शदीप सिंह चीमा और तरन्नुम चीमा ने उल्लेख किया है कि धारा 295 (ए) जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के लिए लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य नाराजगी है |
याचिका में मान के वकीलों ने यह भी उल्लेख किया है कि याचिकाकर्ता धर्म से सिख है और सभी सिख गुरुओं का एक भक्त भी है और सभी सिख प्रथाओं का पालन करता है | वकीलों ने कहा है कि एक समर्पित सिख के रूप में याचिकाकर्ता ने एक प्रसिद्ध कलाकार के रूप में अपना विनम्र योगदान दिया है | साथ ही याचिकाकर्ता एक प्रसिद्ध पंजाबी गीतकार भी है और उसने सिख गुरुओं के सम्मान में कई गीत लिखे हैं जो दुनिया भर में सिखों और पंजाबियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, और उन्हें वर्ष 2005 में राष्ट्रपति द्वारा जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है |
गौरतलब है कि मान नकोदर में डेरा मुराद शाह ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं | घटना हाल ही में डेरा बाबा मुराद शाह में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम की है | कार्यक्रम की एक वीडियो क्लिप बाद में वायरल हुई जिसमें मान को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि डेरा बाबा मुराद शाह के प्रमुख लड्डी शाह तीसरे सिख गुरु अमरदास के वंशज हैं | सिख संगठनों ने तुरंत दावे का खंडन किया था और कहा था कि इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है |