मान्यवर:-आगरा के थाना डौकी में जहरीली शराब से चार मौतों के मामले में फरार 25 हजार के इनामी ठेका संचालक हेमंत तोमर सहित तीन आरोपियों को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। उनसे 37 पौव्वा शराब भी बरामद की गई। वहीं हेमंत को शराब की सप्लाई देने वाला मनोज दो दिन पहले पुलिस को चकमा देकर दूसरे मामले में कोर्ट में समर्पण कर जेल चला गया। यही वजह है कि पुलिस अवैध और मिलावटी शराब बेचने वाले गिरोह के असली सरगना तक नहीं पहुंच सकी है। एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि हेमंत के कुंडौल से कवीस गांव की तरफ जाने की जानकारी मिली थी।
इस पर एसपी पूर्वी वेंकट अशोक के नेतृत्व में टीम को लगाया गया। एक कार में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इनमें कुंडौल निवासी हेमंत तोमर, चमरौली निवासी भूरी सिंह और बांस ख्याली निवासी हरेंद्र थे। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मनोज, विकास और गौतम के साथ मिलकर नकली और मिलावटी शराब बनाने का काम करते हैं। इसे बाजार में बेचते हैं। तीनों आरोपी जेल में बंद हैं। पिछले दिनों शराब बनाई थी, जिसे पीने से कुछ लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद छिप गए थे। इस शराब को यमुना में फेंकने जा रहे थे। जिले में रक्षाबंधन पर शराब पीने वाले डौकी थाना क्षेत्र के गांव कौलारा कलां में तीन, बरकुला में एक की मौत हुई थी।
वहीं ताजगंज के नगला देवरी में चार, शमसाबाद और इरादतनगर में 10 की मौत हुई थी। इस मामले में नौ मुकदमे दर्ज किए गए थे। पुलिस ने आठ से अधिक आरोपियों को पहलेे ही गिरफ्तार करके जेल भेजा था। डौकी थाने में दर्ज चार मुकदमों में ठेका संचालक हेमंत नामजद किया गया था। तुड़वाकर कोर्ट में समर्पण कर चुका है। दो साल पहले वो शराब फैक्टरी संचालित करने के मामले में जेल भेजा गया था। उसके खिलाफ गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई भी की गई थी। दारा सिंह पहले ही समर्पण करके जेल चला गया था। पुलिस अब कोर्ट में आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए प्रार्थनापत्र देगी।
पुलिस की पूछताछ में हेमंत ने बताया कि रक्षाबंधन पर शमसाबाद के गांव ऊंचा निवासी मनोज और दारा सिंह से 20 पेटी देसी शराब मिली थी। उसे अपने ठेकों पर रखवा दिया था। इसके बाद बिक्री की गई थी। गांव के लोग भी शराब खरीदकर ले गए थे। इनमें से ही कुछ शराब जहरीली निकली थी। लोगों की मौत की जानकारी पर शराब को छिपा दिया। उनके शराब के छह ठेके हैं। कुछ ठेके रिश्तेदारों के नाम पर भी ले रखे हैं। मनोज शराब तैयार कराकर लाता है।
चालक विकास माल लाकर देता है। भूरी सिंह उसके साथ शराब की सप्लाई करता है। हरेंद्र माल को दूसरी जगह पर पहुंचाता है। हेमंत के खिलाफ थाना डौकी में चार मुकदमे दर्ज हैं। मनोज से एक पेटी शराब 1500 रुपये में मिलती है। पुलिस को अभी जहरीली शराब कांड में कई सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। पुलिस बिक्री करने वाले और सप्लायर ही पता लगी सकी है। मगर, अब तक यह पता नहीं चला है कि जहरीली और मिलावटी शराब कहां पर बनी। इसे कहां से लेकर आया जाता है। पुलिस अब आरोपियों को रिमांड पर लेकर जानकारी जुटाएगी। इस पूरे गिरोह के पीछे आखिरी असली सरगना कौन है।