जबकि विद्यार्थी इसका विरोध कर रहे हैं। छात्राें का कहना है कि जब कोरोना काल में क्लासिस आनलाइन चल रही है तो इंफ्रास्ट्रक्चर फंड किस बात का बनता है। विद्यार्थियों ने कहा कि सेंटर में ऐसे विद्यार्थी भी है जो कोरोना के चलते पूरी फीस तो भर नहीं पा रहे, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड किस बात का दें।
पीयूआरसी ने 23 अगस्त फीस जमा कराने की अंतिम तिथि रखी थी और इसके बाद फीस जमा कराने वाले विद्यार्थियों को प्रतिदिन का एक हजार रुपये जुर्माना तय किया था। विद्यार्थियों ने कहा कि पीयूआरसी की डायरेक्टर को भी इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लिए जाने के विरोध में ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला।