जालन्धर(मान्यवर):-डी॰ए॰वी॰ कॉलेज जालन्धर के पंजाबी विभाग के डॉ. अनुराग शर्मा अपना 28 वर्षों का अध्यापन कार्यकाल पूरा करके सेवानिवृत हुए। डॉ. अनुराग शर्मा सन् 1993 में डीएवी कॉलेज जालन्धर में नियुक्त हुए। इससे पहले उन्होंने डीएवी कॉलेज नकोदर व डीएवी कॉलेज अमृतसर में भी अध्यापन कार्य किया ।
उन्होंने अध्यापन कार्य के साथ-साथ कॉलेज की अनुशासन समिति, ईएमए कमेटी, पंजाबी साहित्य सभा आदि महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य के रूप में हमेशा अपनी महत्ती भूमिका अदा की। डॉ. अनुराग शर्मा के सृजनात्मक साहित्य के साथ-साथ अनेक शोध-पत्र महत्त्वपूर्ण पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। डॉ. अनुराग शर्मा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर के सिंडीकेट सदस्य व बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य भी रहे।
कॉलेज में आयोजित डॉ. अनुराग शर्मा के विदाई समारोह में कॉलेज प्राचार्य डॉ॰ एस॰ के॰ अरोड़ा, स्टाफ सेक्रेटरी प्रो॰ विपन झांजी, उप-प्राचार्य प्रो॰ सलिल उप्पल, उप-प्राचार्य प्रो॰ अर्चना ओबराय, कॉलेज रजिस्ट्रार प्रो॰ कुँवर दीपक, पंजाबी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार खुराना, प्रो॰ सुखदेव सिंह रंधावा, प्रो॰ सुरिन्द्र कुमार मिड्ढा, प्रो. बलविन्द्र सिंह नंदड़ा, प्रो. देवेन्द्र मंड, प्रो. राजन शर्मा, प्रो. दीपक वधावन, डॉ॰ एस॰ के॰ तुली, डॉ॰ सतीश शर्मा, डॉ॰ हेमन्त, प्रो॰ सोनिका, प्रो॰ पुनीत पुरी, प्रो॰ पूनम शर्मा, प्रो॰ सीमा शर्मा, कॉलेज पीआरओ डॉ. विनोद एवम् अन्य स्टाफ तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।
विदाई समारोह के इस अवसर पर प्राचार्य डॉ॰ अरोड़ा ने डॉ. अनुराग शर्मा के कार्यकाल की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि डॉ. अनुराग शर्मा एक अच्छे अध्यापक होने के साथ-साथ एक सृजनशील व्यक्तित्व हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. अनुराग शर्मा की निष्ठापूर्ण सेवाओं पर डीएवी कॉलेज गौरवान्तित रहेगा। स्टाफ सेक्रेटरी प्रो॰ विपन झांजी ने उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. अनुराग शर्मा ने पंजाबी विभाग व कॉलेज के विकास में जो महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है |
वह अतुलनीय है तथा कॉलेज के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा। पंजाबी विभाग के अध्यक्ष डॉ॰ ए॰ के॰ खुराना ने पंजाबी विभाग के प्रति उनकी सेवाओं का उल्लेख किया। डॉ. अनुराग शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज जीवन के जिस मुकाम पर पहुँचे है उसमें उनके माता-पिता, अध्यापक व डीएवी कॉलेज का महत्त्वपूर्ण योगदान है। इस अवसार डॉ. अनुराग शर्मा को स्टाफ कौंसिल की ओर से स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।