मान्यवर:-अंबाला सट्टे में लेनदेन से परेशान भूरेमाजरा प्राथमिक पाठशाला में तैनात शिक्षक प्रदीप ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले प्रदीप ने चार पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसी आधार पर सेक्टर-9 थाना पुलिस ने मृतक के पिता गोबिंदराम शिक्षक सतेंद्र ढांगी और शिक्षक चंद्रशेखर पर विभिन्न धाराओं मेें केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रदीप कुमार अपने पीछे अपनी गर्भवती पत्नी सरोज, दो बेटियों नव्या और निधि व मां को छोड़ गया। प्रदीप 2011 में शिक्षक नियुक्त किया गया था। 2011 से 16 तक प्रदीप मटेहड़ी शेखां में तैनात रहा। 2016 से अब तक भूरेमाजरा स्कूल में सेवाएं दे रहा था। सेवानिवृत्त जेबीटी शिक्षक गोबिंद राम ने बताया कि वह जिला भिवानी के गांव मानहेरू के रहने वाले हैं।
वर्तमान में न्यू शारदा नगर जलबेहड़ा रोड अंबाला शहर में अपने बेटे प्रदीप व उसके परिवार के साथ रहे हैं। गोबिंदराम ने बताया कि उसके तीन बेटे व एक बेटी हैं। इनमें से प्रदीप कुमार सबसे छोटा बेटा था। 19 अगस्त की शाम करीब साढ़े छह बजे प्रदीप मोटरसाइकिल लेकर गया था। इसके बाद रातभर वापस नहीं आए। उसका फोन भी मिलाया लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। रातभर वह और प्रदीप के दोस्त उसे ढूंढते रहे। सुबह किसी ने वाटिका सिटी में एक शव को देखा और 112 नंबर पर सूचना दी। मौके पर भीड़ में से किसी ने पहचान लिया। प्रदीप के लोवर की जेब में पड़े मोबाइल से किसी ने उसके पिता गोबिंदराम को सूचना दी।
सेक्टर-9 वाटिका सिटी में बने गंदे नाले के पास खड़े पीपल के पेड़ से प्लास्टिक की रस्सी से प्रदीप ने फंदा लगाकर आत्महत्या की थी और शव पेड़ पर लटका हुआ था। सुसाइड नोट पर शिक्षक सतेंद्र ढांगी और शिक्षक चंद्रशेखर का नाम लिखा था। बताया गया था कि मेरी मौत के लिए यही जिम्मेदार हैं। चंद्रशेखर मुझ पर सट्टे के लिए रुपये सतेंद्र ढांगी को देने का दबाव बना रहा था। इस दबाव को मैं अब सहन नहीं कर सकता। पिता गोबिंदराम ने पुलिस को बताया कि इन दोनों व्यक्तियों ने उसके लड़के प्रदीप कुमार को सट्टे की लत लगाकर क्रिकेट में पैसे का दबाव बनाकर उसे आत्महत्या करने को विवश किया है। उसके लड़के प्रदीप कुमार ने इन दोनों से तंग आकर अपने गले मे फंदा लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली है। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। चार पेज के सुसाइड नोट और मृतक के पिता गोबिंदराम की शिकायत पर उसने चंद्रशेखर और सतेंद्र ढांगी पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
शिक्षक चंद्रशेखर का यहां से स्थानांतरण होने का का पता चला है जबकि सतेंद्र ढांगी बताया जा रहा है कि अभी अंबाला में ही एक स्कूल में तैनात है। बाकी हम मामले की जांच कर रहे हैं। जांच के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। सुसाइड नोट लिखकर बुरे कार्यों से दूर रहने की सीख दे गया जेबीटी शिक्षक – पत्नी व दोनों बेटियों के प्रति किया प्रेम का इजहार, कहा अब परिवार से नहीं मिला पाता आंखें – दोस्तों ने परेशानी जानने की कोशिश की लेकिन मैं उनके सामने नहीं जुटा पाया बताने का साहस खुद जुए और सट्टे रूपी दलदल में फंसने से परेशान आत्महत्या करने वाले जेबीटी शिक्षक प्रदीप ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट लिखकर दूसरों को बुरे कार्यों से दूर रहने की सीख दी। यह भी बताया कि बुरे काम के परिणाम भी बुरे ही होते हैं।
सट्टे में कोई जीत नहीं सकता। सभी को पता है। पर चंद्रशेखर ने मेरी अकल पर ऐसा पत्थर डाला की लाखों रुपये सट्टे पर लगवा दिए। जब चंद्रशेखर को यह पता चला कि मैं अंबाला में प्लाट ले रहा हूं और सब कुछ छोड़कर आगे बढ़ना चाहता हूं। तो इसने ऐसा भी नहीं करने दिया। मनोज तुम्हारे जैसा मित्र भी भगवान ने मुझे दिया उसके लिए शुक्रिया तुमने मुझे बहुत समझाया लेकिन मैं अपने होश में नहीं था। कुलबीर और प्रेम साथियों आपने भी बहुत कोशिश की मेरी परेशानी को जानने की। पर मैं इतना साहस नहीं कर पाया कि आपको सबकुछ बता पाता। आप दोनों भी बहुत याद आओगे। अलविदा साथियों।