जालंधर(मान्यवर):-हिंदी के स्नातकोत्तर विभाग और संस्कृत विभाग ने अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत “स्वतंत्रता संग्राम में आर्य समाज और हिंदी का योगदान” पर प्रिंसिपल प्रो डॉ। (श्रीमती) अजय सरीन के प्रेरक मार्गदर्शन के साथ एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार की मेजबानी की। 75वें स्वतंत्रता दिवस की। वेबिनार का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और गायत्री मंत्र के पाठ के साथ हुआ।
प्राचार्य डॉ. अजय सरीन ने योग्य अतिथियों का स्वागत डॉ. सुषमा मल्होत्रा, एडजंक्ट लेक्चरर क्वीन्स कॉलेज, सिटी यूनिवर्सिटी, न्यू यॉर्क, डॉ. उदयन आर्य, प्रिंसिपल गुरु विरजानंद गुरुकुल संस्कृत कॉलेज करतारपुर और डॉ. ब्रह्मवेद शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रह्मवेद शर्मा ने किया |
हिंदी, डीएवी कॉलेज मलौत। प्राचार्य डॉ. अजय सरीन ने वेबिनार के लिए आयोजकों को बधाई दी और स्वतंत्रता संग्राम में आर्य समाज और हिंदी के योगदान का पुरजोर समर्थन किया। आर्य समाज ने देश को एक मजबूत मंच प्रदान किया और हिंदी ने अपने साहित्य के माध्यम से राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना को जगाने का काम किया। आर्य समाज द्वारा प्रतिपादित विचारों का उपयोग कर विश्व आज प्रगति की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकता है।
डॉ. सुषमा मल्होत्रा ने स्वतंत्रता संग्राम में आर्य समाज और हिंदी कवियों और विद्वानों की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने स्वामी दयानंद जी की विचारधारा भी प्रस्तुत की। डॉ. उद्यान आर्य ने इस विचार का प्रचार किया कि विचारों के माध्यम से परिवर्तन की शुरुआत होती है। अगर हम समाज में बदलाव लाना चाहते हैं, तो हमें युवाओं को विचारों और ध्यान की ओर निर्देशित करने की जरूरत है।
डॉ. ब्रह्मवेद शर्मा ने आर्य समाज और हिंदी साहित्य के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर विस्तार से बताया। वे इस तरह के विचारोत्तेजक वेबिनार का हिस्सा बनकर बहुत उत्साहित महसूस कर रहे थे। अंत में संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ मीनू तलवार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार का संचालन हिंदी विभाग के प्रमुख डॉ. ज्योति गोगिया ने किया। वेबिनार में विद्यार्थियों के साथ श्रीमती पवन कुमारी और डॉ. दीप्ति धीर भी शामिल हुईं।