मान्यवर:-संसद के मानसून सत्र के कामकाज के चौथे दिन तृणमूल सांसद शांतनु सेन को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। सरकार ने उनके निलंबन का प्रस्ताव राज्यसभा में रखा। उन्होंने कल IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के हाथ से दस्तावेज लेकर फाड़ दिए थे। आज वैष्णव ने इस घटना पर कहा कि तृणमूल का बंगाल में हिंसा का कल्चर है और यही कल्चर वह सदन में लाने की कोशिश कर रही है। IT मिनिस्टर वैष्णव गुरुवार को सदन में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर बयान दे रहे थे। इसी दौरान शांतनु ने उनके हाथों से कागज छीन लिया और उसके टुकड़े कर हवा में फेंक दिए। राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी विपक्षी सदस्यों के पास पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि मंत्री अपना बयान देने के बाद उनके सवालों का जवाब देंगे, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।
वैष्णव पूरा बयान नहीं पढ़ पाए तो इसे पटल पर रख दिया गया। वहीं, शांतनु सेन ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यसभा में उन्हें अपशब्द कहे और वे मारपीट करने वाले थे, लेकिन सहयोगियों ने उनको बचा लिया कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने पेगासस जासूसी के मामले पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। वहीं, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसान आंदोलन के मामले पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस भेजा है। कांग्रेस के सभी सांसदों (लोकसभा और राज्यसभा) को संसद में सुबह 9.45 बजे बैठक के लिए बुलाया गया। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बैठक में मानसून सत्र को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। गुरुवार को संसद में दैनिक भास्कर ग्रुप पर इनकम टैक्स की रेड का मुद्दा विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया। विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में भास्कर ग्रुप पर इनकम टैक्स विभाग के छापों का विरोध किया और नारेबाजी की। इसके बाद सदन दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इसके बाद कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन भारी हंगामे की वजह से सदन शुक्रवार के लिए स्थगित कर दिया गया था।