जालंधर(मान्यवर):-हंस राज महिला महाविद्यालय ने इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल की पहल के तहत प्रिंसिपल प्रो डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन की प्रेरणा से “डिजाइन थिंकिंग” पर एक ऑनलाइन सत्र की मेजबानी की। सत्र की शुरुआत गायत्री मंत्र के गायन से हुई। आईआईसी की अध्यक्ष डॉ. अंजना भाटिया ने रिसोर्स पर्सन श्री प्रताप राजपूत का औपचारिक स्वागत किया। श्री प्रताप राजपूत ने डिजाइन थिंकिंग की अवधारणा पेश की। उन्होंने डिजाइन थिंकिंग को किसी भी समस्या के समाधान की रीढ़ बताया।
यह समस्या को खोजने, डिजाइन करने और समाधान खोजने की प्रक्रिया है। यह सब से ऊपर ग्राहकों की जरूरतों को प्राथमिकता देकर समस्याओं को हल करने की एक प्रक्रिया है। उन्होंने डिजाइन सोच के क्या, क्यों और कैसे पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों को “डिजाइन थिंकिंग” की अवधारणा को समझने के लिए बहुत सारे उदाहरण दिए। डिजाइन सोच इस प्रकार है – सहानुभूति, समस्या को परिभाषित करना, आदर्श, प्रोटोटाइप और डमी डिजाइन का परीक्षण। छात्रों ने रिसोर्स पर्सन से बातचीत कर अपनी शंकाओं का समाधान किया। प्राचार्य डॉ. अजय सरीन ने डॉ. अंजना भाटिया इंचार्ज आईआईसी और डॉ. राखी मेहता, लेफ्टिनेंट सोनिया महेंद्रू, श्रीमती लवलीन, श्रीमती अलका, श्रीमती नवनीता, डॉ. सिम्मी, श्री आशीष चड्ढा, श्रीमती सहित पूरी टीम को बधाई दी। प्रोतिमा मंदर, सुश्री हरप्रीत, डॉ मीनाक्षी दुग्गल, डॉ जसप्रीत कौर, श्री ऋषभ धीर, श्री विधु वोहरा। श्रीमती नवनीता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और सत्र का संचालन भी किया।