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डी.ए.वी कॉलेज के डॉ.सुरेश कुमार खुराना ने प्राप्त की बड़ी उपलब्धि

जालंधर(मान्यवर) :- डीएवी कॉलेज जालंधर के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार खुराना ने राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय वेबिनार में अपना शतक पूरा किया। डॉ. सुरेश कुमार खुराना एक अतंयत अनुभवी तथा कुशल प्राध्यपक एक जनि मणि हस्ती तथा जिनका नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है । पिछले 28 वर्षों से जालंधर के ही नहीं बल्कि उत्तरी भारत की नंबर एक संस्था डीएवी कॉलेज जालंधर उससे अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष है। डॉ खुराना पुरे पंजाब व भारत में एक ऐसे शख्श है जिन्हों ने यह मुकाम हासिल किया है और यह भी एक तरह के अनूठा रिकॉर्ड है| जात रहे कोविड-19 महामारी के कारण देश तथा पूरी दुनिआ में लॉक डाउन लगाया गया जिस के कारण शैक्षिक संथान बंद हो गए । उस दौरान देश तथा दुनिआ भर में वेबिनार का सिलसिला चल पड़ा ताकि शिक्षा लर्निंग तथा जान से लोग वंचित मे रह जाये लॉक डाउन के दौरान ऑनलाइन वर्कशॉप वेबिनार ऑनलाइन क्लासेज तथा ऑनलाइन मीटिंग्स का दौर शुरू हो गया। डॉ. खुराना ने बताया कि कोविड 19 हमारे आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित करने के तरीके को बदल कर रख दिया है। लेकिन नई परिस्थितियों के अनुकूल होना कोई मुश्किल काम नहीं था । यूजीसी नई दिल्ली के संदर्भ में शिक्षाविदों के समग्र विकास के लिए सेमिनार, कार्यशालाओं, रिफ्रेशर पाठ्यक्रम और अन्य कार्यक्रमों के लिए निर्धारित समय सारिणी एक ठहराव पर आ गई है। हालांकि, संकाय विकास प्रक्रिया समाप्त नहीं हो सकती है। यहाँ वेबिनार का महत्व काम आने लगा | वेबिनार एक ऑनलाइन सेमिनार होता है जो एक प्रस्तुति को दुनिया में कहीं से भी वास्तविक समय की बातचीत में बदल देता है। वेबिनार प्रतिभागियों के बड़े समूह को ऑनलाइन चर्चा या प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल होने और ऑडियो डॉक्यूमेंट या स्लाइड साझा करने की अनुमति देता है तब भी जब वे मीटिंग होस्ट के साथ नहीं होते या उसी कमरे में नहीं होते हैं जहां वेबिनार की प्रस्तुति हो रही है।

कोठिंड 19 महामारी के इस महत्वपूर्ण समय में वेबिनार के माध्यम से उपलब्ध ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन वास्तव में देश भर के शिक्षण संकाय के लिए एक आशीर्वाद है। डॉ. खुराना ने बताया आखिरकार, यह शिक्षक समुदाय ही है जिसे मानव इंजीनियर माना जाता है और वे छात्र समुदाय भविष्य के स्तंभ को आकार और दिशा देने के लिए जवाबदेह है। कोई भी कर्मचारी अपने क्षेत्र में अप-टू डेट ज्ञान के बिना एक मूल्यवान कर्मचारी बने रहने की उम्मीद नहीं कर सकता है। ज्ञान न केवल व्यक्ति को अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता प्रदान करता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए आत्म सम्मान और आत्म-मूल्य भी प्रदान कर सकता है, खासकर अनिश्चितता के इस समय में वेबिनार अटैंड कर के शिक्षक समुदायजान बटोरे कर अपने विद्यार्थीजो को शेयर करते हैं। डॉ खुराना ने जब से वेबिनार का सिलसिला शुरू हुआ तब से देश तथा विदेश वैनिनार को अटेड कर के तथा अलग अलग विशेषो पर अपने विचार देकर 100 का आंकड़ा पर किया है और भारत ही नहीं विदेशों के कोने कोने में कई कांफ्रेंस तथा वेबिनार में उन्होंने मुख्य भूमिका भी निभाई है शायद ही कोई डॉ खुराना का रिकॉर्ड तोड़ सके | लॉक डाउन के दौरान से लेकर अब तक उन्हों ने 112 से ज्यादा देबिनार तथा कांग्रेस लगायी है।

जात रहे. डॉ. खुराना ने राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर में 101 रिसर्च पेपर प्रस्तुत कर चुके हैं, जो कि कई राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। और कई कांफ्रेंस तथा सेमिनार में उन्होंने मुख्य भूमिका भी निभाई है। गौरतलब है कि पिछले साल भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के द्वारा “इंडियन इकोनॉमी एंड इकोनॉमिक सर्वे आयोजित किया गया था जिसमें भारत भर के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों से अर्थशास्त्र के 100 प्राध्यापकों का चयन किया गया है। इनमें पंजाब से एकमात्र चुने गए थे।

डॉ. सुरेश कुमार खुराना मद्रास यूनिवर्सिटी चेन्नई के बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनर का नंबर भी हैं। उनको यह जिमेदारी उनकी काबलियत इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में उनका नाम प्रतिभाशाली सामर्थ्य समाज के प्रति वचनबंद व सहारनीय कार्यों के लिए दी गयी है। इस सन्दर्भ में डॉक्टर खुराना पी एच डी थीसिस का मूल्यांकन करते हैं तथा अधिकृत रूप से निर्णय देते हैं और विद्यार्थीओ को पी एच डी की डिग्री अवार्ड हो उन्होंने इस का क्रेडिट डी ए वी कॉलेज जालंधर को दिया और कहा की डॉ खुराना तो बहुत होंगे पर डी ए वी कॉलेज जालंधर पुरे भारत में एक ही हैं। मद्रास यूनिवर्सिटी चेन्नई में डॉ खुराना की वजह से डी ए वी कॉलेज जालंधर का नाम बड़े अदब से लिया जाता है।

डॉ. खुराना लौस्सने स्विट्जरलैंड लोयला कॉलेज चेन्नई (तमिलनाडु), एन.सी.ऐ.एस. कॉलेज, वर्धा (महाराष्ट्र), आई आई टी नई दिल्ली जम्मू यूनिवर्सिटी (जम्मू एंड कश्मीर) तथा डी ए वे कॉलेज अम्बाला ( हरियाणा), जनता कॉलेज करतारपुर सेंट सोल्जर कॉलेज जालंधर तथा कई अन्य कॉलेजेस में बतौर मुख्य प्रवक्ता के तौर पर शिरकत कर चुके हैं। डॉ खुराना नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की सिलेक्शन बोर्ड के मेंबर भी हैं और कई यूनिवर्सिटीज के सुपरवाइजर भी है। डॉ. सुरेश कुमार खुराना अब तक दो राष्ट्रीय सेमिनार एक यू.जी.सी. के प्रोजेक्ट पर कार्य कर चुके हैं। डॉ. खुराना कई रिसर्च जर्नल के एडवाइजरी बोर्ड के मेंबर भी है। यह उन्हें बहुत ही गौरवान्वित करता है क्योंकि इसमें उनका नाम उनके अपने टीचर्स के साथ लिखा जाता है जिन्हों ने आज मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया है।

इंडिया इंटरनेशनल सोसाइटी नई दिल्ली की ओर से सुरेश कुमार खुराना को भारत ताजा गया है। डॉ खुराना अनेक सामाजिक कार्यों व संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। उन्हें इसके लिए बेस्ट सिटीजन ऑफ इंडिया पुरुस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है यूनिवर्सिटी ऑफ डीजाम द्वारा डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी लिट) की डिग्री से भी नवाजा गया और साथ में गोल्ड मैडल भी मिल चुका है।

डीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसके अरोड़ा ने कहा कि ऐसे सर्वश्रेष्ठ अध्यापकों ने अपनी सेवा प्रदान की है, जिसने इसको श्रेष्ठ बनाने में बहुत मदद की है। चुराना की उपलब्धि इसकी एक मिसाल है। र अग्रिम भविष्य में भी ऐसी बहुत सी

उपलब्धियां हासिल करता रहेगा। इस अवसर पर खुराना को सम्मानित करते हुए डॉ.एस.के.प्रो.सलिल उपल, स्टाफ सेकेट्री प्रो. विपिन झांजी।

D.A.V. College Jalandhar