जालंधर(मान्यवर) :- डीएवी यूनिवर्सिटी के वनस्पति विज्ञान एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा भूजल प्रबंधन की चुनौतियां विषय पर एक वैबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न विषयों के छात्रों और फैकल्टी सदस्यों सहित 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया। विभाग के सहायक प्रोफैसर डॉ. राज बाला ने स्वागत भाषण के साथ गायत्री मंत्र से वैबिनार की शुरुआत की।
यूनिवर्सिटी के डीन अकादमिक ऑफिशिएटिंग डॉ. आर. के. सेठ ने वैबिनार के मुख्य वक्ता डॉ. सुनील मित्तल, डीन स्कूल ऑफ एनवायरनमेंट एंड अर्थ साइंसेस, प्रोफैसर और विभागाध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा का परिचय करवाया।
डीएवी यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर ऑफिशिएटिंग डॉ. जसबीर ऋषि ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया। और भूजल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को लोगों के बीच पानी के संरक्षण और इसके तर्कसंगत उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने की सलाह दी।
डॉ. सुनील मित्तल के अनुसार नदियों और नहरों में पानी की अपर्याप्त मात्रा के लिए अपर्याप्त मात्रा में वर्षा जिम्मेदार है। पंजाब में धान की फसल के लिए भूजल का अत्यधिक दोहन हो रहा है जो एक गंभीर चिंता का विषय है। डॉ. आशीष 1 शर्मा विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान एवं पर्यावरण विज्ञान ने यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर ऑफिशिएटिंग डॉ. जसबीर ऋषि, रजिस्ट्रार ऑफिशिएटिंग डॉ. के.एन. कौल और डीन अकादमिक ऑफिशिएटिंग डॉ. आर.के. सेठ को शैक्षणिक गतिविधियों के आयोजन में उनकी निरंतर प्रेरणा और समर्थन के लिए धन्यवाद किया।