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प्रेमचंद मारकंडा एस.डी. कॉलेज फॉर वूमेन में तीन दिवसीय वर्चुअल सम्मेलन

जालंधर(मान्यवर) :- प्रेमचंद मारकंडा एस.डी. कॉलेज फॉर वूमैन एवं भारतीय शिक्षण मंडल के सौजन्य द्वारा त्रिदिवसीय ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सपन्न किया गया। इस सम्मेलन का ओवर लैपिंग ऑफ आर्यावर्त एंड रामायण परिक्रमा अक्रॉस साऊथ एशिया- इन इंटरप्रैटेटिवे एक्सरसाइजिस ऑफ बोथ सर्किल अक्रा सटाइम एंड स्पेस विषय था। सम्मेलन का आरंभ सरस्वती वंदना, मंत्र, भारतीय शिक्षण मंडल गीत द्वारा किया गया जिसकी प्रस्तुति कॉलेज की छात्राओं द्वारा की गई थी। इसके पश्चात कॉलेज के प्राचार्य डॉ. किरण अरोड़ा, आयोजन सचिव, डॉ. जय सिंह (भारतीय और विश्व साहित्य विभाग, अंग्रेजी और विदेशी भाषा यूनिवर्सिटी, हैदराबाद) ने सम्मेलन से जुड़े सभी वक्ताओं का अभिनन्दन किया।

तृतीया दिवस के सत्र के अध्यक्ष अविनाष राय खन्ना थे। इस सत्र के वक्त जे.पी. पचौरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आजकल के अत्यंत भयावह समय में रामायण का अध्ययन हमें मानसिक तनाव में मुक्ति दिला सकता है। विपरीत परिस्तिथियों में हम कैसे अपने संसाधनों को सीमित कर सकते हैं। इस सत्र के द्वितीय वक्त प्रोफ. भूषण पटवर्धन (राष्ट्रीय अनुसंधान प्रोफैसर, आयुष) ने कहा कि भारतीय अब आयुर्वेद की और अग्रसर हो रहा है

आयुर्वेद व योग ही मनुष्य को स्वस्थ रख सकता है। रामायण में अनेक औषधियों व वृक्षों तथा वनस्पतियों का वर्णन मिलता है। डॉ. रजनीश अरोड़ा (प्रांत सह संभ संचालक), पूर्व कुलपति, पंजाब टैक्नीकल विश्वविद्यालय) ने अपने वक्तव्य में कहा कि रामायण का सबन्ध पंजाब से है तथा उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिभागी रामायण को अपने जीवन में उतरने में सफल होते हैं तो सम्मेलन आवश्य ही अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहेगा।

अविनाश राय खन्ना ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि रामायण में वर्णित विभिन्न विषयों को यदि पृथक-2 पुस्तकों में वर्णित कर दिया जाए तो अत्यंत लाभदायक रहेगा। रामायण के प्रत्येक श्लोक में हमारे जीवन का समस्याओं का समाधान मिलता है। अत : इस विषय पर सम्मेलन को करवाकर वह बधाई के पात्र हैं। आज हम प्रण करे कि हम अपने आपको पहचानें। शंकरानंद ने कहा कि भारत को इस विश्व में सुपर पावर बनने की आवश्यकता नहीं है। हम हथियारों की दौड़ में आगे नहीं निकलना चाहते। रामायण के ज्ञान के द्वारा लोगों में श्रीराम के गुणों को लाकर ही भारत विश्व गुरु बन सकता है। उन्होंने ऐसी विषय पर 3 दिवसीय कांफ्रेंस करने पर कॉलेज और प्राचार्य डॉ. किरण अरोड़ा को भी बधाई दी। इस सम्मेलन के समापन समारोह का शुभारभ डॉ. जय सिंह (आयोजन सचिव, भारतीय और विश्व साहित्य विभाग, अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्विद्यालय) हैदराबाद ने किया।

करवाता है।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. किरण अरोड़ा ने सभी अतिथियों व वक्ताओं का धन्यवाद किया तथा कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की। नितेश (विस्तारक, भारतीय शिक्षण मंडल, पंजाब) ने इस सम्मेलन के कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सम्मेलन अपने उद्देश्य की पूर्ति करने में सफल रहा है। इस सम्मेलन में भूटान, नेपाल व भारत के विभिन्न हिस्सों के अनेक शोधकर्ताओं ने भाग लिया। लगभग 480 प्रतिभागियों ने इस सम्मेलन में ऑनलाइन मीटिंग के जरिए भाग लिया। फेसबुक और यूट्यूब पर लगभग 2,000 प्रतिभागी इससे जुड़े।

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