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Fastag की अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

कहा- पहले हाई कोर्ट जाइए

मान्यवर :- फास्टैग की अनिवार्यता के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है | कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पहले दिल्ली हाई कोर्ट जाने की सलाह दी | इसके बाद याचिकाकर्ता ने खुद ही याचिका वापस ले ली |

रिटायर्ड आईएएस राजेश कुमार की याचिका में गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस रिन्यू करने के लिए फास्टैग अनिवार्य करने का मसला उठाया गया था | याचिका में यह भी कहा गया था कि कई बुजुर्ग और रिटायर्ड लोगों ने सीमित जरूरत के लिए गाड़ी रखी है | वह गाड़ी लेकर हाईवे पर नहीं जाते लेकिन ऐसी गाड़ियों पर भी फास्टैग न होने का जुर्माना लगाया जा रहा है |

“क्या यह मौलिक अधिकारों के हनन का मामला है ?”

आज मामला सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच के सामने लगा | बेंच के अध्यक्ष चीफ जस्टिस बोबड़े ने पूछा, “आपने अनुच्छेद-32 के तहत सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्यों दाखिल की है ? क्या यह मौलिक अधिकारों के हनन का मामला है ?” इसपर वकील ने जवाब दिया, “इस मामले का असर पूरे देश पर है | इसलिए, हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है | “

लेकिन चीफ जस्टिस ने सुनवाई पर असहमति जताते हुए कहा, “हम मानते हैं कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है लेकिन बेहतर हो कि आप पहले दिल्ली हाई कोर्ट जाएं | हमें भी यह जानने का मौका मिलेगा कि हाई कोर्ट इस मसले पर क्या फैसला देता है | इससे आगे की सुनवाई बेहतर होगी | ” कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता के वकील ने खुद ही याचिका वापस ले ली और कहा कि वह पहले हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे |

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