पढ़िए पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें
मान्यवर :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के शताब्दी समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। पीएम का संबोधन जारी है। अपने संबोधन के शुरू में पीए्म ने कहा, मैं उन सभी शिक्षकों का भी आभारी हूं, जिन्होंने एएमयू के माध्यम से इन 100 वर्षों में अपनी शिक्षाओं का प्रसार किया। अभी कोरोना के इस संकट के दौरान भी AMU ने जिस तरह समाज की मदद की, वो अभूतपूर्व है। हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट करवाना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान देना, समाज के प्रति आपके दायित्वों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है।
पढ़िए पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
बता दें 56 साल बाद यह पहला मौका है जब कोई प्रधानमंत्री AMU के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा है। पिछली बार 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने यहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। AMU का 100 साल पूरे होने पर यह विशेष कार्यक्रम हो रहा है, जिसे पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे हैं। यह कार्यक्रम सोशल मीडिया और एएमयू के आधिकारिक चैनलों पर लाइव दिखाया जा रहा है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सैयदना मुफदालल सैफुद्दीन, एएमयू के कुलपति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित हैं।
संबोधन से पहले पीएम मोदी इस अवसर पर एक डाक टिकट भी जारी किया। पीएम मोदी के ट्विटर और फेसबुक पेज के साथ-साथ उनके यूट्यूब चैनल पर भी इस कार्यक्रम को देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने हाल ही में लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को भी संबोधित किया था। AMU में पीएम का संबोधन पर अकादमिक के साथ-साथ राजनीतिक हलकों में भी बड़ी दिलचस्पी है। AMU कई आंदोलनों के केंद्र बिंदु रहा है।
पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें
आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं। एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।बीते 100 वर्षों में AMU ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहाँ जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है। कोरोना संकट के दौरान AMU ने जिस तरह समाज की मदद की वो अभूतर्पूव है। लोगों का मुफ्त टेस्ट कराना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्यों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है। मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है। यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी। अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है।